देहरादून। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा सितारगंज विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीत कर सदन में आने की तैयारियों में जुट गए हैं। भाजपा विधायक किरन मंडल ने गत 23 मई को इस्तीफा देकर मुख्यमंत्री के लिए यह सीट खाली की थी, जिस पर अब आठ जुलाई को उपचुनाव होने जा रहा है। भितरघात की आशंका के चलते विजय बहुगुणा इस उपचुनाव में फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं। यहां तक कि उन्होंने कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं से अपने पक्ष में तब तक चुनाव प्रचार के लिए सितारगंज नहीं आने को कहा है जब तक उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस समिति इसके लिए बाकायदा उनके कार्यक्रम को अंतिम रूप नहीं दे देती। पिछले दिनों सितारगंज भ्रमण के दौरान उन्होंने इलाके के लिए घोषणाओं की झड़ी लगा दी थी।
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मुख्यमंत्री ने अब कांग्रेस सहित सरकार को समर्थन दे रहे अन्य दलों के विधायकों को रिझाने के लिए भी कसरत शुरू कर दी है। तीन दिन पूर्व 11 वें मंत्री के रूप में मंत्रिमंडल में शामिल किए गए हरख सिंह रावत को अब उन्होंने कुछ मंत्रालयों की जिम्मेदारी सौंपने की घोषणा भी कर दी। श्रीबहुगुणा ने कहा कि वे हरख सिंह रावत को कृषि, कृषि विपणन, कृषि शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा और सैनिक कल्याण विभागों का जिम्मा सौंपने जा रहे हैं। अब तक कृषि विभाग प्रसाद नैथानी के पास था, जो देवप्रयाग से निर्दलीय विधायक हैं। अब उनके पास स्कूली शिक्षा और पेयजल मंत्रालय रह गया है। अन्य मंत्रालय, जो रावत को दिए गए हैं, वह मुख्यमंत्री के पास थे।
बहुगुणा ने यह भी कहा कि सितारगंज विधानसभा उपचुनाव में निर्वाचित होने के बाद वे मंत्रियों के विभागों में व्यापक फेरबदल करेंगे। ईशारा साफ है कि उपचुनाव के दौरान अच्छा काम करने वालों को पुरस्कृत किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने बसपा के एक विधायक और एक अन्य निर्दलीय विधायक सहित छह विधायकों को नयी जिम्मेदारियां भी सौंपी हैं। खानपुर के विधायक कुंवर प्रणव सिंह को उत्तराखंड वन विकास निगम का अध्यक्ष बनाया गया है। टिहरी से निर्दलीय विधायक दिनेश धनै को गढ़वाल मंडल विकास निगम का अध्यक्ष और मंगलोर से बसपा विधायक सरबत करीम अंसारी को राज्य आवासीय बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया है। तीन विधायकों- विजयपाल सजवान (गंगोत्री), गणेश गोडियान (श्रीनगर), नारायण राम आर्य (गंगोलिहाट) को संसदीय सचिव नियुक्त किया गया है।
सितारगंज उप चुनाव के लिए 13 से 20 जून तक नामांकन पत्र भरे जाएंगे, 21 को नामांकन पत्रों की जांच होगी, 23 जून को नाम वापस लिए जा सकेंगे, आठ जुलाई को मतदान और 11 जुलाई को मतगणना होगी।
उल्लेखनीय है कि विजय बहुगुणा टिहरी से लोकसभा सदस्य हैं और उन्हें मुख्यमंत्री पद पर छह महीने पूरे होने से पहले विधायक चुन कर आना जरूरी है।
कुल 70 सदस्यीय उत्तराखंड विधानसभा में इस समय कांग्रेस के 32, भाजपा के 30, बसपा के 03, उक्रांद (पी) का 01 और निर्दलीय 03 विधायक हैं। एक स्थान रिक्त है, जिसमें उपचुनाव होने जा रहा है।