शिमला। बागवानी मंत्री नरेन्द्र बरागटा ने कहा है कि प्रदेश में इस वर्ष 5.89 लाख मीट्रिक टन सेब उत्पादन का अनुमान है, जिसके लिए 2.65 करोड़ कार्टनों की आवश्यकता होगी। सेब को विभिन्न मण्डियों में पहुंचाने के लिए लगभग 5890 ट्रकों की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि सरकार सेब सीजन से निपटने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध करेगी। बागवानों को परेशानी नहीं होने दी जाएगी। बागवानी मंत्री बुधवार को यहां सेब सीजन की तैयारियों को लेकर आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे।
बैठक में आगामी सेब सीजन के लिए मुख्य व संपर्क मार्गों के उचित रख रखाव, सेब व अन्य फलों को मण्डियों तक पहुंचाने के लिए बेहतर परिवहन एवं पैकिंग सामग्री की व्यवस्था व इनकी समय पर उपलब्धता सुनिश्चित बनाने के लिए संबंधित विभागों को दिशा-निर्देश दिए गए। इसके अतिरिक्त राज्य के भीतर निर्मित आवधिक व नियमित फल मण्डियों को आरम्भ करने तथा मंडी मध्यस्थता योजना पर भी विचार विमर्श किया किया गया।
बागवानी मंत्री ने कहा कि 80 किलोमीटर लम्बे ठियोग-हाटकोटी मुख्य मार्ग पर 26 किलोमीटर का हिस्सा चिन्हित किया गया है, जहां विशेष व्यवस्था किए जाने की आवश्यकता है। लोक निर्माण विभाग ने इस हिस्से में लगभग 40 स्पॉट चिन्हित कर दिए हैं, जहां कलवर्ट, क्रास ड्रेनेज व रखरखाव इत्यादि का कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष लगभग 2.65 करोड़ कार्टन एवं 16 लाख बण्डल ट्रे की आवश्यकता होगी, जिनको निजी कंपनियों के अतिरिक्त, एचपीएमसी, हिमफैड और किनफैड के माध्यम से बागवानों को उपलब्ध करवाया जाएगा। बागवान गत वर्ष के शेष बचे टैलीस्कोपिक कार्टनों का प्रयोग कर सकते हैं, लेकिन यह सुनिश्चित बनाया जाएगा कि इन कार्टनों में 20 किलोग्राम से अधिक फल न भरा जाए। प्रदेश में 48 विपणन यार्ड स्थापित किए गए हैं, जिनको इस मौसम में सुचारू रूप से कार्यान्वित किया जाएगा। खड़ापत्थर की फल मंडी को शीघ्र आरम्भ किया जाएगा और पराला मण्डी भी इस सेब सीजन से कार्य करना आरम्भ कर देगी।
बागवानी मंत्री ने संबंधित उपायुक्तों को सेब सीजन की तैयारियों एवं व्यवस्था को लेकर इसी सप्ताह बैठक करने के निर्देश दिए ताकि किसी भी प्रकार की कठिनाई से पहले ही निपटा जा सके। उन्होंने कहा कि इस दौरान यातायात सुचारू बनाए रखने के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिस बल के जवान तैनात किए जाएंगे।
प्रधान सचिव (बागवानी) वीसी फारका, शिमला के उपायुक्त डॉ. अरुण शर्मा, राष्ट्रीय उच्च मार्ग के मुख्य अभियंता सोनम नेगी, बागवानी विभाग के निदेशक डॉ. गुरदेव सिंह आदि भी बैठक में उपस्थित थे।