देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के जनता दरबार में एक अध्यापिका सही ढंग से सुनवाई नहीं होने पर भड़क गई और चीखते हुए बोली- चोर उचक्के! मुख्यमंत्री ने तुरंत मंच पर से ही अध्यापिका को निलंबित करने और हिरासत में लेने का आदेश दिया।
इस घटना के सोशल मीडिया में वायरल वीडियो (देखें वीडियो) में साफ देखा जा सकता है कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का जनता दरबार सजा है। मुख्यमंत्री और मंत्रीगण स्टेज पर बैठे हैं और हाल फरियादियों व अधिकारियों से खचाखच भरा है।
एक महिला अध्यापिका दरबार में अपनी फरियाद लेकर पहुंची, लेकिन सरकारी अमला उसे अनसुना कर वहां से हटाने पर आमादा है। महिला नहीं मानती है तो मंच से मुख्यमंत्री कहते हैं, “…बोलिए मत, अभी सस्पेंड कर दूंगा..।”
पुलिस महिला को हटाने का प्रयास करती है, लेकिन वह अपनी बात कहने के लिए अड़ गई हैं। मुख्यमंत्री फिर बोलते हैं, “सस्पेंड कर दूंगा, बता दिया मैंने तुम्हें..।”
महिला हटने को राजी नहीं, अपनी फरियाद सुनाने की जिद पर अड़ी हैं। इस पर मुख्यमंत्री गुस्से में आदेश देते हैं, “सस्पेंड कर दो इसे…आज ही सस्पेंड कर दो।”
पुलिस महिला को जबरन वहां से हटाने लगती है तो महिला चीखते हुए दरबारियों को कहती है, “चोर उचक्के…।” महिला इसी तरह चीखते हुए हाल से बाहर निकलती है। तमाम मीडिया कर्मी कैमरे लेकर उसे घेर लेते हैं। वहां भी महिला सरकार के खिलाफ अपनी भड़ास निकालते हुए नजर आती है। उसके बाद उसे हिरासत में ले लिया गया।
उत्तरा बहुगुणा पन्त नामक यह महिला उत्तरकाशी जिले के नौगांव प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत है। जनता दरबार में आकर उसने फरियाद की थी कि वह 25 साल से दुर्गम क्षेत्र में सेवाएं दे रही है। अब उसके पति की भी मौत हो गई है और उसकी स्थिति ऐसी है कि ना वह छोटे बच्चों को अनाथ छोड़ सकती है और ना ही नौकरी छोड़ सकती है।
महिला घर के नजदीक स्थानांतरण की मांग कर रही थी। मुख्यमंत्री ने कोई सहानुभूति दिखाने के बजाए उससे पूछा कि- “नौकरी लेते वक्त क्या लिखकर दिया था?” इस पर अध्यापिका ने भी उसी शैली में जवाब दिया कि, “जिंदगी भर बनवास में रहेंगे, ये लिखकर तो नहीं दिया था।” बस यहीं से मामला भड़का और मुख्यमंत्री ने महिला को सस्पेंड कर उसे गिरफ्तार करने का आदेश दे दिया।