ऊना। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) एक देशव्यापी छात्र संगठन के रूप में विविध गतिविधियों के माध्यम से समाज के हर पहलू को छू रहा है। एबीवीपी को नशा और अन्य सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के लिए आगे आना चाहिए। मुख्यमंत्री सोमवार को जिला ऊना में आयोजित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 40वें प्रांत अधिवेशन के उद्घाटन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद इस बात को महसूस किया गया कि छात्रों में राष्ट्रवाद और देश भक्ति की भावना जगाने के लिए एक छात्र संगठन होना चाहिए। इस प्रकार 1948 में स्वतंत्रता के एक वर्ष के पश्चात, एबीवीपी छात्रों की ऊर्जा को राष्ट्रीय पुनर्निर्माण में लगाने के उद्देश्य से अस्तित्व में आई। उन्होंने कहा कि एबीवीपी आज दुनिया का सबसे बड़ा छात्र संगठन बनकर उभरा है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि आज एबीवीपी यह सुनिश्चित कर रही है कि छात्र एक ऐसी राष्ट्र शक्ति बने जो शिक्षा, सार्वजनिक सेवा और लोगों के सशक्तिकरण में अग्रणी भूमिका निभाए तथा समाज के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए विश्वास के साथ जिम्मेदारी लें, साथ ही गर्व से भ्रष्टाचार और राष्ट्र विरोधी ताकतों का सामना करें। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश एबीवीपी के छात्र राष्ट्र निर्माण के लिए राज्य से बाहर भी सराहनीय प्रयास कर रहे हैं।
जय राम ठाकुर ने कहा कि एबीवीपी ने देश को एक ऐसे छात्र संगठन का उपहार दिया है जो वर्षों के कठिन प्रयासों के बाद बना है तथा जिसने अपने देश और समाज के बारे में युवा पीढ़ी को उत्साहित करने के अथक प्रयास किए हैं और जो युवाओं को रचनात्मक गतिविधियों के लिए प्रेरित करती है। उन्होंने कहा कि एबीवीपी हमारे जीवन के हर पहलू को छू रहा है और यह केवल छात्र गतिविधियों तक ही सीमित नहीं है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि एबीवीपी ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के बारे में लोगों को शिक्षित करने में भी एक प्रमुख भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि यह संगठन जम्मू-कश्मीर के छात्रों को मुख्यधारा में जोड़ने का भी कार्य कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने छात्रों में नशे के इस्तेमाल की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि एबीवीपी को आगे आना चाहिए और समाज में व्याप्त इस बुराई को खत्म करने में अपनी सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि उनकी पहल पर हिमाचल के पड़ोसी राज्य पंजाब, हरियाणा, उत्तराखण्ड और राजस्थान आदि इस बुराई पर अंकुश लगाने के लिए एक समान रणनीति तैयार करने के लिए सहमत हो गए हैं। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त एबीवीपी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छता अभियान को सफल बनाने के लिए भी आगे आना चाहिए।
उन्होंने कहा कि एबीवीपी ने शिक्षा के बढ़ते व्यवसायीकरण, अवैध बंगलादेशी, घुसपैठ, आतंकवाद, माओवादी हिंसा के खिलाफ संघर्ष किया है, जिससे पूरे समाज में जागृति पैदा हुई और ऐसे मामलों में छात्र शक्ति को अपनी भूमिका निभाने के प्रति प्रेरित किया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर एबीवीपी के अधिवेशन का थीम गीत भी लांच किया।
एबीवीपी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री सुनील अंबेकर ने कहा कि प्रदेश में एबीवीपी सराहनीय सेवाएं दे रही हैं और देश में सर्वश्रेष्ठ है। उन्होंने कहा कि एबीवीपी ने अपने अस्तित्व के 70 वर्ष पूर्ण कर लिए हैं और यह देश के प्रमुख छात्र संगठन के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि एबीवीपी से जुड़े छात्रों को शिक्षा के अलावा राष्ट्रीयता और देशभक्ति की मशाल को लेकर चलना चाहिए
सुनील अंबेकर ने कहा कि एबीवीपी के विकास में मुंबई के प्रोफेसर यशवंतराव केलकर ने 1958 से मुख्य भूमिका निभाई गई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जो एबीवीपी का संगठन है, उसका निर्माण प्रोफेसर केलकर ने किया और इन्हें एबीवीपी का वास्तविक निर्माणकर्ता के रूप में स्वीकार किया जाता है। उन्होंने कहा कि एबीवीपी राष्ट्रीय एकीकरण के उद्देश्य से कार्यक्रम और योजनाएं तैयार कर चलाती हैं और सामाजिक चेतना का उपयोग कर आर्थिक और अन्य समस्याओं को हल करती है। उन्होंने कहा आज एबीवीपी सभी विश्वविद्यालयों में, आईआईटीज़, आईआईएम, महाविद्यालय इत्यादि में सक्रिय है। उन्होंने कहा कि छात्र संगठन की भूमिका केवल छात्रों की मांगों को उठाना ही नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण में भी अपनी भूमिका को निभाना है।
अध्यक्ष, स्वागत समिति आरएम शर्मा ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री व अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया।
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती, विधायक राजेश ठाकुर, परमजीत सिंह पम्मी, एबीवीपी के प्रांत अध्यक्ष डा. सुनील ठाकुर, प्रांत मंत्री राहुल राणा, एबीवीपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर नागेश ठाकुर, उपाध्यक्ष एसआईडीसी प्रोफेसर राम कुमार, हिमुडा के उपाध्यक्ष परवीन शर्मा, मुख्यमंत्री के ओएसडी मोहिन्द्र धर्माणी, हिमाचल पथ परिवहन निगम के उपाध्यक्ष विजय अग्निहोत्री, कैलाश फैडरेशन के उपाध्यक्ष रवि मेहता सहित अन्य इस अवसर पर उपस्थित थे।
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अंतरराष्ट्रीय लवी मेला शुरू: शिमला। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज शिमला जिला के रामपुर बुशहर में चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय लवी मेले का शुभारंभ किया। इस समारोह में उन्होंने लोगों से हिमाचल को नशामुक्त राज्य बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक स्वयंसेवी संस्थाओं को व्यापक स्तर पर नशा निवारण अभियान चलाना चाहिए, ताकि समाज और विशेषकर युवाओं को इस बुराई से बचाया जा सके।
राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को समृद्ध संस्कृति, रीति-रिवाज और परंपराओं के लिए जाना जाता है, जहां धार्मिक व पारंपरिक समारोह बड़े उत्साह व श्रद्धा के साथ मनाये जाते हैं।
उन्होंने प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर भी बल दिया और किसानों से सरकार द्वारा चलाई जा रही इस योजना का भरपूर लाभ उठाने की अपील की। उन्होंने प्रधानमंत्री के ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान को और अधिक गति देने पर बल दिया।
राज्यपाल ने कहा कि मेले और त्योहार प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षण देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और यह प्राचीन व पारंपरिक मेलों व त्योहारों की परंपरा को कायम रखने के लिए आवश्यक भी है। उन्होंने कहा कि लवी मेले का अपना ऐतिहासिक महत्व है। यह न केवल व्यापारिक गतिविधियों के लिए, बल्कि पुरातन दीर्घकालीन परंपराओं के लिए भी प्रसिद्ध है। उन्होंने कहा कि इस तरह के व्यापार मेले ग्रामीण स्तर पर स्वरोजगार के साधन उपलब्ध करवाते हैं।
उन्होंने कहा कि यह मेला शताब्दियों से भारत तथा तिब्बत के बीच एक महत्वपूर्ण व्यापारिक मेला रहा है और हिमाचल की प्रसिद्ध, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विरासत का एक अद्वितीय उदाहरण रहा है। उन्होंने कहा कि आज भी इस मेले ने पूर्व परंपरा को बनाये रखा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जिला तथा राज्य के अन्य क्षेत्रों से आए लोक कलाकार अपनी प्रस्तुति से लोगों का भरपूर मनोरंजन करेंगे।