शिमला। मैदानी क्षेत्रों में गर्मी का प्रकोप बढ़ते ही हिमाचल प्रदेश के पर्यटक स्थल सैलानियों से गुलजार हो उठे हैं। प्रदेश के सभी प्रमुख पर्यटक स्थलों में सैलानियों की भरमार हैं। राजधानी शिमला के तो सभी होटलों में सौ फीसदी आक्यूपेंसी है। आसपास के हिल स्टेशनों पर भी भारी संख्या में सैलानी पहुंच रहे हैं। इसी प्रकार मनाली, डल्हौजी, लाहुल स्पीति आदि में भी पर्यटकों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों का मानना है कि प्रदेश में मॉनसून आने तक अच्छा कारोबार रहने की उम्मीद है।
शिमला में इन दिनों मुम्बई, दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़, हरियाणा, अहमदाबाद, गुजरात और पश्चिमी बंगाल आदि से प्रतिदिन 12 से 15 हजार पर्यटक पहुंच रहे हैं। पर्यटन विभाग के सूत्रों के अनुसार रविवार को 15 हजार से अधिक पर्यटक शिमला पहुंचे थे।
मैदानी क्षेत्रों में इन दिनों 45 से 48 डिग्री तक तापमान होने के कारण हिमाचल की ठंडी वादियां पर्यटकों को खूब रास आ रही हैं। खासकर मनाली के सोलंगनाला व रोहतांग में बर्फ के बीच अठखेलियां करने का रोमांच पर्यटकों को खूब आकर्षित कर रहा है। मनाली में बड़े होटल पहले ही एडवांस बुकिंग पर पैक हैं। छोटे होटलों में भी ऑक्यूपेंसी बढ़ गई है। मनाली का वन विहार भी सैलानियों को काफी आकर्षित कर रहा है। यहां हर रोज तीन हजार से अधिक पर्यटक पहुंच रहे हैं। वन विहार में देवदार के पेड़ों के बीच बैठने और बोटिंग करने का अपना ही रोमांच है।
मनाली से निकलकर बड़ी संख्या में पर्यटक जनजातीय लाहुल घाटी तक भी पहुंच रहे हैं। जिला मुख्यालय केलंग सहित माता मृकुला मंदिर व त्रिलोकनाथ मंदिर में श्रद्धालु सैलानियों से रौनक बढ़ने लगी है। लाहुल घाटी के ट्रैक रूट बहाल होने के कारण पहाड़ों को नापने वालों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। लेह-लद्दाख मार्ग बहाल होने पर इन दिनों केलंग में सैलानियों का जमघट लगा हुआ है। लाहुल घाटी में हर साल बढ़ रही सैलानियों की संख्या के चलते लोग होटल निर्माण की ओर अब काफी ध्यान देने लगे हैं। घाटी में जिला मुख्यालय केलंग के अलावा जिस्पा व उदयपुर में भी सैलानियों के ठहरने की व्यवस्था है। मनाली-लेह मार्ग पर जाने वाले अधिकतर सैलानी केलंग में ही ठहराव करते हैं। इसलिए केलंग में होटलों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।