नालागढ़। औद्योगिक क्षेत्र बद्दी- बरोटीवाला- नालागढ़ (बीबीएन) में उद्योगों के साथ- साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी खासा
नयना वर्मा :- हिमाचल प्रदेश में आईईसी युनिवर्सिटी की शुरुआत कब और कैसे हुई ?
डा. नवीन गुप्ता :- वास्तव में आईईसी विश्वविद्यालय की शुरुआत वर्ष 1981 में एक कंप्यूटर इंस्टीच्यूट के रूप में हुई थी। कनॉट प्लेस से एक छोटे से कंप्यूटर इंस्टीच्यूट को आगे बढ़ाते हुए हमने इसे ग्रुप ऑफ इंस्टीच्यूशंज का रूप 1999 में दिया। अगले चरण में वर्ष 2011 में हमने आईईसी युनिवर्सिटी की स्थापना की। तीन दशक पहले हमारी यह शुरुआत गुणवत्ता परक शिक्षा देने के लिए थी और हम लगातार इसी मुलमंत्र को आधार मानते हुए आगे बढ़ रहे हैं।
प्रश्न :- हिमाचल प्रदेश के अलावा आपके और भी कोई कालेज हैं ?
उत्तर :- जी हां, हम एक बहुत ही सफल कॉलेज ग्रेटर नोएडा में आईईसी ग्रुप ऑफ इंस्टीच्यूशंज के नाम से चला रहे हैं, जिसमें 4 हजार से भी अधिक छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। हमारे ग्रुप ऑफ इंस्टीच्यूशंज में 14 कोर्सों की पढ़ाई होती है, जिसमें इंजीनियरिंग, फार्मेंसी, होटल मैनेजमेंट, ट्रैवल एण्ड टूरिज्म, आर्कीटेक्चर, जर्नालिज्म, मास कम्युनिकेशन और कानून जैसे कोर्स प्रमुख हैं।
प्रश्न:- आईईसी युनिवर्सिटी में इस समय कितने विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं?
उत्तर:- फिलहाल हमारी युनिवर्सिटी में 500 विद्यार्थी ही हैं, लेकिन हमें उम्मीद है कि आने वाले दो वर्षों में यहां 3 हजार से भी अधिक छात्र शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे। इसके लिए हम अनेक बाहर के विश्वविद्यालयों के साथ भी अनुबंध कर रहे हैं।
प्रश्न:- आईईसी युनिवर्सिटी कितने विषयों में मास्टर डिग्री प्रदान कर रही है?
उत्तरः- फिलहाल हम एम कॉम, मास्टर ऑफ मास कम्युनिकेशन, एमबीएए, एमएससी इन केमिस्ट्री, एमएससी इन फिजिक्स, एमफिल इन मैथमेटिक्स, एमएससी इन फार्मा मेडिकल साइंस जैसे कोर्सों में मास्टर डिग्री प्रदान कर रहे हैं।
प्रश्न:- वोकेशनल एजुकेशन और पार्ट टाइम एक्जीक्यूटिव कोर्स में क्या अन्तर है? इनमें से किन कोर्सों को आप छात्रों के लिए सबसे बेहतरीन मानते हैं करियर के लिहाज से?
उत्तरः- वोकेशनल एजुकेशन और पार्ट टाइम एजुकेशन में जमीन-आसमान का अंतर है। वोकेशनल एजुकेशन बच्चों को कैरियर की राह पर तुरंत अग्रसर कर देते हैं, जबकि पार्ट टाइम एजुकेशन सिर्फ कागजों पर ही अपनी चमक बिखेर पाते हैं। यही वजह है कि मौजूदा समय में लोग वोकेशनल एजुकेशन की ओर अधिक अग्रसर हो रहे हैं और पार्ट टाइम एक्जीक्यूटिव एजुकेशन से तौबा कर रहे हैं।
प्रश्न :- आपने हाल ही में कई विदेशी विश्वविद्यालयों से भी हाथ मिलाया है। उसका फायदा आपके छात्रों को कैसे मिलेगा और इसके लाभ क्या हैं?
उत्तर :- इस तरह के साझेदारी कार्यक्रमों से हमारे छात्रों को वहां के एजुकेशन के तौर-तरीकों के बारे में पता चलता है तथा वहां के छात्र यहां आकर हमारी तकनीक सीखते हैं। इस दौरान छात्रों का जो इंटरेक्शन होता है, वह उन्हें ग्लोबल स्तर पर मजबूत बनाता है। आजकल इस तरह के अनुबंधों का फायदा सिर्फ हमारी युनिवर्सिटी ही नहीं बल्कि अन्य युनिवर्सिटीज भी उठा रही हैं। मेरा मानना है कि इससे छात्रों की बहुमुखी प्रतिभा का विकास होता है।
प्रश्न:- विद्यार्थियों को वीडियो कांफ्रेस क्लासेज से कितना लाभ मिलता है?
उत्तरः- शिक्षा के क्षेत्र में वीडियो कांफ्रेंस क्लासेज नई तकनीक है। इसमें बहुत दूर बैठे अध्यापक भी जरूरत पड़ने पर अपने घर से ही छात्रों को लेक्चर देते हैं। इसमें सबसे बड़ा फायदा छात्रों को यही मिलता है कि उन्हें विशेषज्ञ अध्यापकों, जो दूर विदेशों में रहते हैं, से सीधे रूबरू होने का मौका मिल जाता है। हमारे यहां भी इस तरह की सुविधा छात्रों के लिए उपलब्ध है।
प्रश्न:- शिक्षा के बाद छात्रों के प्लेसमेंट के लिए कैंपस में साक्षात्कार की भी कोई व्यवस्था आपके विश्वविद्यालय में है?
उत्तर:- जी हां, हमारा एक प्लेसमेंट सेल है, जो छात्रों को कैंपस में आने वाली कंपनियों के बारे में जानकारी देता है। जो विद्यार्थी कंपनियों के साक्षात्कार और लिखित परीक्षा में सफल होते हैं, उन्हें सहज नौकरी मिल जाती है। बहुत से विद्यार्थियों को प्लेसमेंट का फायदा मिलता है, खासकर उन्हें जो करियर के प्रति जागरूक रहते हैं।
प्रश्न:- हाल ही में आपने नया माक टेस्ट एप्लीकेशन लांच किया है, इसका क्या फायदा है और आने वाले वर्षों में क्या आप और भी ऐसे एप्लीकेशन आरंभ कर रहे हैं?
उत्तर:- यह एक बहुत ही शानदार और लाभकारी एप्लीकेशन है तथा यह कई प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है। इसे निशुल्क डाउनलोड किया जा सकता है। इसके जरिए छात्र अपनी कंपीटीटिव योग्यता को परख सकते हैं। इस टेस्ट में कई लेवल दिए गए हैं और हर पंद्रह दिन पर इसके सवालों को बदल दिया जाता है। परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थी इसे बहुत पसंद कर रहे हैं।
नयना वर्मा :- आईईसी विश्वविद्यालय की विशेषताओं और भावी योजनाओं के बारे में कुछ और कहना चाहेंगे?
डा. नवीन गुप्ता:- आईईसी विश्वविद्यालय में सिर्फ किताबों में लिखी गई चीजें ही नहीं पढ़ाई जाती हैं, बल्कि बच्चों को व्यावहारिक ज्ञान भी दिया जाता है ताकि यह शिक्षा उन्हें आगे रोजगार पाने में भी सहायक हो सके और भारतीय छात्र दुनिया भर के छात्रों के साथ सशक्त प्रतिस्पर्धा कर सकें। इसीलिए हम ढेर सारी विदेशी युनिवर्सिटीज के साथ भी हाथ मिला रहे हैं और अपने छात्रों को उनके कल्चर से रूबरू करवा रहे हैं। हमें आप सबसे अलग इसलिए भी कह सकते हैं क्योंकि हमारे यहां का प्लेसमेंट बहुत ही शानदार है और हमारे विद्यार्थी आज दुनिया भर की टॉप कंपनियों में उच्च पदों पर नौकरी कर रहे हैं।
शिमला से गुरनाम सिंह को बसपा का टिकटः- नालागढ़। बहुजन समाज पार्टी ने हिमाचल प्रदेश में शिमला संसदीय सीट से गुरनाम सिंह चंदेल को टिकट देकर मैदान में उतारा है। मंगलवार को नालागढ़ में हुई बहुजन समाज पार्टी की एक उच्च स्तरीय बैठक में यह घोषणा की गई। नालागढ़ निवासी गुरनाम सिंह चन्देल ने बताया कि बैठक में बसपा के प्रदेश प्रभारी एवं राज्यसभा सदस्य अवतार सिंह करीमपुरी तथा शिमला संसदीय सीट के प्रभारी पूर्व मन्त्री ददू प्रसाद के अलावा नालागढ़ मण्डल अध्यक्ष कृष्ण कुमार सहित अनेक पार्टी कार्यकर्ता उपस्थित थे। श्री चंदेल के अनुसार अवतार सिंह करीम पूरी ने बैठक में यह भी बताया कि बसपा हिमाचल प्रदेश की चारों संसदीय सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े करेगी तथा इनके नामों की घोषणा शीघ्र ही कर दी जाएगी।