जोशीमठ (चमोली)। जोशीमठ विकास खंड में भ्रष्ट अधिकारियों ने एक सड़क को मात्र कागजों में ही पूरा कर डाला
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार ने वर्ष 2009 में मारवाड़ी से थैंग तक 10.50 किलोमीटर लंबी सड़क के निर्माण को स्वीकृति प्रदान की थी। अभी तक मुश्किल से तीन किलोमीटर सड़क ही बन पाई है, लेकिन सरकारी कागजों में इसे 7.50 किलोमीटर बना दर्शा दिया गया। ग्रामीणों ने इस संबंध में अधिकारियों से कई बार शिकायत की, लेकिन कहीं भी सुनवाई नहीं हुई। इसी बीच एक ग्रामीण दिलवर सिंह ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत विभाग से जानकारी मांगी, लेकिन हैरानी की बात है कि विभाग ने अपनी गलती छिपाने के लिए इसमें भी गलत जानकारी दे दी।
थैंग गांव के वासी दिलवर सिंह ने 30 अक्टूबर 2013 को सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत इस सड़क की निर्माण प्रगति के संबंध में जानकारी मांगी थी। 11 दिसंबर 2013 को विभाग की ओर से दिए गए जवाब में मारवाड़ी- थैंग सड़क 7.50 किलोमीटर तक बनी बताई गई है। कागजों में 4.50 किलोमीटर अतिरिक्त सड़क दिखाए जाने पर दिलवर सिंह का कहना है कि वे इस मामले को लेकर न्यायालय में जाएंगे।
इस सड़क के बारे में ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया है कि मोटर मार्ग की न्यूनतम चौड़ाई 5.95 मीटर व मोड़ पर चौड़ाई 6.85 मीटर निर्धारित होती है, लेकिन इस सड़क की न्यूनतम चौड़ाई तीन मीटर व मोड़ पर चौड़ाई चार मीटर ही रखी गई है। विभाग ने अपनी सूचना में यह भी बताया है कि इस सड़क की लागत 2 करोड़ 74 लाख 33 हजार है। अभी तक ठेकेदार को एक करोड़ 51 लाख 24 हजार रुपये का भुगतान कर दिया गया है।
पीएमजीएसवाइ पोखरी, चमोली के अधिशासी अभियंता बलराम मिश्रा से पत्रकारों ने इस संबंध में बात की तो उनका कहना था कि उनकी तैनाती विभाग में हाल ही में हुई है। सूचना का अधिकार के तहत जानकारी दस्तावेजों के आधार पर दी गई है। अगर सड़क नहीं बनी है तो वे स्वयं मौके पर जाकर निरीक्षण करेंगे। शिकायत सही पाए जाने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।