कुल्लू। लाहौल पोटेटो सोसाइटी (एलपीएस) की मुसीबतें बढ़ती ही जा रही हैं। पतलीकूहल के निकट बड़ाग्रां विहाल में स्टोर किए लाहुली आलू के करीब पांच हजार बोरे
सोसायटी की ओर से कहा जा रहा है कि ग्राहक नहीं मिलने के कारण आलू नहीं बेचे जा सके और वे रखे-रखे सड़ गए। उधर ग्रामीणों का कहना है कि यह सब सोसायटी प्रबंधन की लापरवाही के कारण हुआ है। यदि समय पर आलू बेच दिया जाता तो इस स्थिति से बचा जा सकता था। स्थानीय वासियों- सुरेश, रामलाल और कमलेश का कहना है कि लाहुली आलू को ग्राहक नहीं मिले, यह बात हजम नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि निजी फर्में इसी लाहुली आलू के बल पर करोड़ों रुपये कमा रही हैं। यदि सोसायटी इसे समय रहते बेचने का प्रबंध करती तो आलू सडऩे की नौबत नहीं आती।
सोसाइटी के चेयरमैन चेतन आजाद फुंचोंग ने कहा कि ग्राहक नहीं मिलने के कारण आलू को बेचा नहीं जा सका। अंदर से ड्राई होने के कारण यह आलू सब्जी के लिए भी इस्तेमाल नहीं हो रहा। लिहाजा वे अपनी आंखों के सामने आलू को बर्बाद होते देखने को मजबूर हो गए। उन्होंने बताया कि इस मामले में मदद के लिए वे मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल के पास भी गए थे, लेकिन सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिली।
आलू की सड़ांध पर ग्रामीण परेशान
बड़ाग्रां विहाल में आलू की पांच हजार बोरियां सडऩे से क्षेत्र में असह्य दुर्गंध फैल गई है। गत दिवस स्थानीय पंचायत प्रधान चेतराम नेगी की अगुवाई में ग्रामीणों ने लाहौल पोटेटो सोसाइटी के खिलाफ नारेबाजी कर मांग की कि यहां से इस आलू को हटाया जाए ताकि लोगों को सड़ांध से निजात मिल सके। प्रधान ने बताया कि सोसायटी प्रबंधन को कई बार आलू को यहां से हटाने के लिए कहा था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने चेतावनी की कि यदि जल्द ही इस दिशा में कदम नहीं उठाए तो गांव वाले सड़कों पर उतर कर आंदोलन छेड़ देंगे। सोसायटी के चेयरमैन चेतन आजाद फुंचोंग ने उन्हें आश्वासन दिया है कि कृषि विभाग से मुआयना करवाने के बाद आलू को हटा दिया जाएगा।