शिमला। हिमाचल प्रदेश में मंदी के इस दौर में मुश्किल से सांस ले रहे हजारों छोटे उद्योगों का गला घोंटने के
राज्य के अतिरिक्त सचिव (उद्योग) आरआर पटियाल ने भी स्वीकार किया है कि नई औद्योगिक नीति में सी कैटागिरी को टैक्स फ्री जोन से बाहर करने का प्रस्ताव है। ड्राफ्ट तैयार किया जा चुका है। कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही इसे लागू कर दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में वर्ष 2004 में बनी औद्योगिक नीति के तहत ‘सी’ जोन में क्षेत्र के सात जिलों के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों को लिया गया था। इस क्षेत्रों में लघु एवं कुटीर उद्योग स्थापित करने में टैक्स में छूट दी गई है तथा इसके अतिरिक्त अन्य भी कई तरह की सुविधाएं दी गई हैं ताकि इन उद्योगों को फलने फूलने का मौका मिले और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी मिले। ऑल इंडिया वैल्टेड मैश वायर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उद्योगपति वीरेंद्र अग्रवाल कहते हैं कि नई इंडस्ट्री पॉलिसी लागू होने के बाद ‘सी’ जोन में मिलने वाली 14 प्रतिशत टैक्स की छूट समाप्त हो जाएगी और इससे छोटे उद्योग बुरी तरह प्रभावित होंगे। वर्तमान में प्रदेश में तीन औद्योगिक जोन में 39, 819 लघु एवं कुटीर उद्योग हैं, जबकि 494 मध्यम एवं बड़े उद्योग स्थापित हैं।
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