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बाजार में किन्नौरी-लाहौली सेब की धमक

शिमला। हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला किन्नौर के बाद अब लाहौल स्पीति में भी व्यावसायिक स्तर पर सेब का उत्पादन शुरू हो गया

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है। विशिष्ट जलवायु के कारण दोनों ही जनजातीय जिलों का सेब गुणवत्ता की दृष्टि से अन्य क्षेत्रों के मुकाबले अव्वल है तथा इसे बिना कोल्ड स्टोर के भी काफी समय तक भंडारित किया जा सकता है। व्यापारी इस सेब को अधिकांशत: निर्यात करने के उद्देश्य से ही खरीदते हैं।
लाहौल-स्पीति में पांच-छह वर्ष पूर्व उन्नत स्पर किस्मों से सेब के पौधे लगाए गए थे। इस कार्य में डा. वाईएस परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी (सोलन) के ताबो में स्थापित एप्पल फार्म ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन बागीचों में अब न केवल सेंपल आने शुरू हो गए हैं, बल्कि कुल्लू की मंडियों भी लाहौली सेब ने दस्तक देनी शुरू कर दी है। इन दिनों कुल्लू में सेब की 20 किलोग्राम की पेटी 12 सौ से 15 सौ रुपये के बीच बिक रही है। लंबे समय तक ताजा रहने वाला लाहौली सेब स्वाद के साथ-साथ पौष्टिकता में भी अव्वल दर्जे का आंका जा रहा है।
कुल्लवी सेब का सीजन दशहरा उत्सव के साथ ही समाप्त हो गया था, जिस कारण अब खरीददारों ने लाहौल की अपना ओर रुख कर लिया है।
शीत मरुस्थल लाहौल में करीब 500 हेक्टेयर भूमि पर सेब के बागीचे सैंपल के तौर पर लगाए हैं। जिला की पट्टन घाटी में यह बागीचे सबसे ज्यादा हैं। बागवान सोमदेव, दिनेश कुमार और राजीव ने बताया कि लाहौल का सेब तैयार हो गया है और इस सेब के दाम भी काफी अच्छे मिल रहे हैं।
उद्यान विभाग के उपनिदेशक राजेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि लाहौल स्पीति जिला में 500 हेक्टेयर भूमि पर सेब का उत्पादन हो रहा है। यहां तैयार सेब काफी ठोस होता है तथा यह बिना कोल्ड स्टोर के भी काफी समय तक रखा जा सकता है। इसके अलावा लाहौली सेब की पौष्टिकता भी अव्वल आंकी गई है।
किन्नौर से पहुंची 24 हजार पेटियां
किन्नौर जिले के सेब ने पहले ही मार्किट में अपनी अलग पहचान बना रखी है। इस बार किन्नौर से अब तक सेब की लगभग 24 हजार पेटियां मार्किट में पहुंच चुकी हैं। जिले में पूह खंड के चांगो, शलखर, रोपा वैली सहित अन्य कई ऊंचाई वाले क्षेत्रों और निचार खंड के कटगांव तथा कल्पा खंड के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अभी भी काफी सेब आना बाकी है।
बीते वर्ष जिले में सेब की 23 लाख 94 हजार 799 पेटियां हुई थीं। इस बार यह आंकड़ा 24. 75 लाख तक पहुंच जाने की उम्मीद है। उद्यान विभाग के उप निदेशक डीपी बंगालिया ने बताया कि अभी भी जिले के कई ऊंचाई वाले क्षेत्रों से सेब की पेटियां मंडियों में पहुंचनी शेष हैं। उन्होंने भी माना कि बीते वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष यहां सेब का अधिक उत्पादन हुआ है। पूह ब्लाक में इस बार सेब की अच्छी फसल हुई है।

हिम न्यूज़पोस्ट.कॉम

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