रिकांगपियो (किन्नौर)। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व में कड़छम- वांगतु और बास्पा- 2 के मजदूरों की 113 दिनों से चली आ रही संघर्षपूर्ण हड़ताल अंततः कामयाबी के साथ समाप्त हो गई। जेपी कंपनी की अमानवीयता के कारण इस संघर्ष में दो मजदूरों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा और माकपा के पूर्व राज्य सचिव राकेश सिंघा पर भी जानलेवा हमला हुआ। माकपा के आह्वान पर जब पूरे किनौर जिले की जनता भी मजदूरों के साथ आंदोलन में कूद पड़ी तो अंततः कंपनी को झुकना पड़ा।
जेपी पॉवर वेंचर के आंदोलनकारी 1300 से अधिक मज़दूरों और कंपनी के बीच बुधवार को श्रम आयुक्त की उपस्थिति में समझौता हो गया। इस समझौते के अनुसार मजदूरों के वेतन में 750 रूपये मासिक बढ़ोतरी होगी। जो कर्मचारी नियमित हैं उन्हें 500 रूपये मासिक एलाउंस देने के अतिरिक्त 250 रूपये बेसिक में जोड़ कर दिया जाएगा, जबकि दैनिक भोगियों को 750 रुपये मासिक वेतन बढ़ोतरी के साथ दी जाएगी।
कंपनी ने यह भी मान लिया कि मजदूरों को अब फैक्टरी एक्ट के तहत सभी छुट्टियां मिलेंगी और बोनस भी दिया जाएगा। ठेका मजदूरों की पदोन्नति का रास्ता भी खोल दिया गया। निर्णय लिया गया कि मज़दूरों के हड़ताल के समय को बिना वेतन के छुट्टियों के रूप में समायोजित किया जाएगा और इससे मज़दूरों की वरिष्ठता एवं सेवा में कोई फर्क नहीं पड़ेगा। मज़दूरों और कंपनी के मध्य समझौते के बाद विधिवत् रूप में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए । आंदोलनकारी मजदूर वीरवार को विजय रैली निकालेंगे।
कड़छम- वांगतु और बास्पा- 2 के कामगार अपनी न्यायोचित मांगों को लेकर गत जनवरी माह से ही आंदोलन कर रहे थे। आरंभ में मजदूर संगठन इंटक इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहा था, लेकिन इस संगठन के विफल हो जाने पर कंपनी के कामगारों ने सहयोग के लिए माकपा से गुहार लगाई, जिस पर परियोजना में माकपा के मजदूर संगठन सीटू ने मोर्चा संभाला। जब संघर्ष ने जोर पकड़ा तो मजदूरों पर कंपनी के अमानवीय हमले शुरू हो गए और मजदूरों को शून्य डिग्री के तापमान में सर्दियां जंगलों में ही बितानी पड़ी। इस संघर्ष में दो मजदूरों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा और यही नहीं गत 28 मार्च को माकपा के पूर्व राज्य सचिव राकेश सिंघा पर भी जानलेवा हमला हुआ, जिसमें वे बाल- बाल बचे। उस दौरान वे ही मजदूरों के आंदोलन को नेतृत्व दे रहे थे। राकेश सिंघा इससे दो दिन पूर्व ही पत्रकार वार्ता कर संदेह जता चुके थे कि जेपी कंपनी उन पर जानलेवा हमला करा सकती है। इस हमले के बाद आंदोलन ने और जोर पकड़ा, प्रदेश भर में कंपनी के खिलाफ धरने प्रदर्शन हुए तथा किन्नौर की जनता भी घरों से निकल कर मजदूरों के आंदोलन में कूद पड़ी। अंततः आंदोलन में मजदूरों की जीत हुई।
माकपा के राज्य सचिव डा. ओंकार शाद ने इस जीत पर आंदोलकारी मजदूरों को बधाई दी और कहा, ‘‘मैं किन्नौर की जनता को सलाम करता हूं, जो पीड़ित मजदूरों के साथ दृढ़ता से खड़ी हुई और इस आंदोलन को सुखद अंजाम तक पहुंचाया।’’
सोशल मीडिया में भी आंदोलनकारी मजदूरों और माकपा को बधाई देने वालों की होड़ लगी हुई है। इसकी एक वानगी यहां भी देखें :-
Onkar Shad
Long live the struggle of karcham wangtoo and baspa 11 projects workers in kinnaur. The JP management were forced to accept the demands of the workers.I also salute the people of kinnaur for their support to the struggle.
Kasturi Lal mil kar kaam karne se kaam banta hai.
…thanks, the people of kinnaur.
Phool Chand Rana Red salute…
Rajpal Dahiya Salute to victory
Mohinder Slariya congrats bhai ! your commitment and involvement of people can make anything possible ! but irony of the system is we as a democracy even have to fight for basic right, which is wastage of time and energy and it delayed the work on the part of people as well as on the others, so bhai this system is to be replaced it is rotten now and does not work, leaders are making people fools and we all are helpless !!!
Chandermohan Kashyap Lal salam comred mehnat ka fal milta hi hai
Chandermohan Kashyap Main dhanyawad karta houn sabhi menhnatkasho ko jisne ye larai lari mainbhavishya main bhi sath milkar chale
Rajesh Rana Lal Salam… To All
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Rohit Thakur red salute
M.r. Dhangal congratulation bhaieo
Deepak Sood Bahut bahut mubarak ho Sir
Sadhik Sagos Revolutionary Greetings ,Long Live Working Class Unity .
Ajeet Negi Ye jeet mazduro ke naam ye jeet citu ke naam citu zindabad.!
અચીવર ધ્રૈક સી.ડી. jab laal laal lehrata hai inqlaab aata hai ~~~~laal salaam~~~~