बीसीसीआई ने गत फरवरी माह में धर्मशाला, जम्मू, रांची और रायपुर में 17 से 22 वर्ष तक के युवाओं के लिए बोलिंग के ट्रायल करवाए। ये ट्रायल उन युवकों के लिए थे जो बीसीसीआई द्वारा संचालित किसी भी प्रतियोगिता में पहले न खेलें हों ताकि अछूती प्रतिभाओं को खोजा जा सके। इस खोज का जिम्मा बीसीसीआई की राष्ट्रीय अकादमी के क्रिकेट आपरेशन के निदेशक संदीप पाटिल, चंडीगढ़ अकादमी के मुख्य बोलिंग कोच करसन घावरी और चंडीगढ़ अकादमी के बोलिंग कोच जोगिन्दर पुरी को सौंपा गया था। चारों स्थानों में कुल 4555 बच्चों ने ट्रायल में हिस्सा लिया, जिनमें से 63 का चयन किया गया है। उन्हें क्रिकेट अकादमियों में दो वर्ष तक ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि वे आने वाले वर्षों में भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बन सकें।
बीसीसीआई के सूत्रों के अनुसार धर्मशाला में आयोजित ट्रायल में आये कुल 650 लड़कों में से 15 तेज व 15 स्पिन गेंदबाज चुने गए। इसी प्रकार जम्मू में आए 605 में से 11 तेज व 7 स्पिन गेंदबाज, रांची में 1550 में से 5 तेज व 4 स्पिन गेंदबाज तथा रायपुर में आये 1750 लड़कों में से 3 तेज व 3 स्पिन गेंदबाज चुने गए हैं। बताया जाता है कि इसी तरह के ट्रायल अप्रैल के बाद भी किए जाएंगे।