बॉलीवुड स्टार एवं बहुचर्चित फिल्म ‘पान सिंह तोमर’ के हीरो इरफान खान इन दिनों औद्योगिक क्षेत्र बद्दी के पहाड़ी गांव साईं में शूटिंग में व्यस्त हैं। ‘पान सिंह तोमर’के लिए इरफान ने बहुत मेहनत की है। यही कारण है जो अमिताभ बच्चन ने भी फिल्म देख कर इरफान के अभिनय की खूब प्रशंसा की। ‘पान सिंह तोमर’की सफलता से इरफान काफी संतुष्ट दिखे। बकौल इरफान खान, ”पान सिंह तोमर पर्दे के पीछे छिपे उन हीरोज को सलामी है, जो परिस्थितिवश अपने टेलेंट का इस्तेमाल नहीं कर सके।” साईं में शूटिंग के दौरान फुर्सत के क्षणों में इरफान खान ने वरिष्ठ पत्रकार योगराज भाटिया के साथ विशेष बातचीत की। प्रस्तुत का बातचीत के कुछ अंश :
योगराज भाटिया : ‘पान सिंह तोमर’ तो बुलंदियों को छू रही है। आप क्या कहना चाहेंगे?
इरफान खान : ‘पान सिंह तोमर’ में एक गरीब कृषक का बेटा भरपेट भोजन के लिए फौज में भर्ती हो जाता है। फौज में एथलीट बनता है और कई अवार्ड जीतता है। जब पान सिंह तोमर नौकरी के बाद घर पहुंचता है तो पता चलता है कि उसकी पुश्तैनी जमीन हड़प ली गई है। पुलिस व प्रशासन से कोई सहायता नहीं मिलने पर अंतत: वह डकैत बन जाता है। यही फिल्म की कहानी है और मैंने ‘पान सिंह तोमर’ के किरदार को निभाया है। इस फिल्म को देखने के बाद दर्शकों आंखों में आंसू जरूर छलकेंगे। फिल्म की सफलता से संतुष्ट हूं।
योगराज भाटिया: ‘पान सिंह तोमर’ से आपको कितनी आशाएं हैं?
इरफान खान : ‘पान सिंह तोमर’ अपने दम पर खड़ी है। अमिताभ बच्चन जी ने भी ट्वीटर पर इस फिल्म की तारीफ की है और कहा है कि फिल्म देखने के 16 घंटे बाद भी उन पर से ‘पान सिंह तोमर’ का नशा नहीं उतरा।
योगराज भाटिया : हिमाचल प्रदेश आपको कैसा लगा ?
इरफान खान : हिमाचल और हिमाचलवासियों के लिए मेरे दिल में खास जगह है। हिमाचल की वादियों में आकर मेरे दिल को बड़ा सुकून मिलता है। इस देवभूमि के साथ मेरी कई यादें जुड़ी हैं। अगर कानूनी अड़चनें न होतीं तो यहां घर बनाकर खेतीबाड़ी करता और शायद वह पल मेरे जीवन के सबसे हसीन पल होता।
योगराज भाटिया : आपने तो हॉलीवुड में भी किस्मत आजमाई है। वहां आपका कैसा अनुभव रहा?
इरफान खान : बॉलीवुड और हॉलीवुड में जमीन आसमान का अंतर है। हॉलीवुड का मार्केट बहुत बड़ा है। हॉलीवुड की मूवी ‘स्पाईडर मैन-4’ में मैंनें एक विलेन की भूमिका निभाई है। यह फिल्म जुलाई तक रिलीज होगी।
योगराज भाटिया : अगर फिल्म इंडस्ट्री में नहीं होते तो कहां होते?
इरफान खान : पिता एक मध्यमवर्गीय जमींदार थे। इसलिए जीवन का कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं था। सभी दरवाजे खुले थे। फिल्म लाइन में नहीं होता तो पता नहीं क्या करता।
योगराज भाटिया : अपने चाहने वालों के लिए कोई मैसेज?
इरफान खान : सिर्फ इतना ही कि ‘पान सिंह तोमर’अवश्य देखिए। इस फिल्म के लिए मुझे काफी मेहनत करनी पड़ी है। फिल्म आपको अवश्य पसंद आएगी।