शिमला। हिमाचल प्रदेश में भाजपा ने संसदीय चुनाव के लिए रणनीति को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। शिमला में रविवार को भाजपा कोर कमेटी की बैठक में राज्य प्रभारी मंगल पांडे ने नेताओं से फीडबैक लिया और इससे पूर्व उन्होंने पार्टी के विधायकों तथा मोर्चों (भाजयुमो, महिला मोर्चा, किसान मोर्चा, एससी-एसटी मोर्चा, कर्मचारी मोर्चा) के साथ बैठकें कर वर्तमान सांसदों का आधार टटोलने की भी कोशिश की। संकेतों में कहा गया कि पार्टी को कम से कम दो सीटों पर नए चेहरों की जरूरत पड़ सकती है। यह भी कि वीरभद्र- सुक्खू खेमों में छिड़ी आर-पार की जंग भाजपा के लिए वरदान साबित हो सकती है तथा इसे अधिक से अधिक भुनाया जाए।
मंगल पांडे की अध्यक्षता में हुई भाजपा कोर कमेटी की बैठक में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सत्ती, पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल, विधानसभा अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल, सांसद वीरेंद्र कश्यप और रामस्वरूप शर्मा, पूर्व विधायक रणधीर शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री पवन राणा और स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार आदि ने भाग लिया। केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा और सांसद शांता कुमार व अनुराग ठाकुर अनुपस्थित रहे।
प्रदेश में कांग्रेस की जो स्थिति विधानसभा चुनाव के समय थी, वही आज भी है। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और प्रदेशाध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू काफी अरसे से एक- दूसरे का गला नापने को उतारू हैं। इसी अंतर्कलह के चलते विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने कम से कम आधा दर्जन सीटें गवाईं थीं। बार-बार राज्य प्रभारी बदलने पर भी हाईकमान इस गुटबाजी पर अंकुश नहीं लगा पाया है।
विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के तत्कालीन राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं वर्तमान अध्यक्ष राहुल गांधी ने टिप्पणी की थी, “मैं गुजरात में पार्टी के प्रदर्शन से संतुष्ट हूं, लेकिन हिमाचल से नहीं।” उस समय वीरभद्र सिंह हाई कमान को यह समझाने में कामयाब हो गए थे कि सुक्खू खेमा उन्हें (वीरभद्र सिंह को) नीचा दिखाने के लिए भाजपा के हाथों खेल रहा है।
वीरभद्र सिंह के इन आरोपों में काफी हद तक सच्चाई भी थी। आज भी विधानसभा में कांग्रेस के कई विधायक पूर्व वीरभद्र सरकार को घेरने के लिए सत्तारूढ़ भाजपा के सुर में सुर मिलाते नजर आते हैं। भाजपा विधायक इस पर जहां खूब ठहाके लगाते हैं, वहीं वीरभद्र सिंह को बगलें झांकने को मजबूर होना पड़ता है। भाजपा को कांग्रेस की यह स्थिति निसंदेह ऊर्जा प्रदान करती है।
राज्य प्रभारी मंगल पांडे ने कोर कमेटी की बैठक में कहा कि भाजपा को इस बार भी चारों सीटों पर हर हाल में विजयी होना है। इसके लिए प्रचार से लेकर टिकट आवंटन तक किसी भी स्तर पर कोई समझौता नहीं होगा। उन्होंने हिदायत दी कि पार्टी में भितरघात कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बाद में मीडिया से बातचीत करते हुए मंगल पांडे ने कहा, ‘हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस वीरभद्र सिंह की है या सुखविंद्र सुक्खू की, मालूम नहीं। कांग्रेस में गुटबाजी से भाजपा की राह आसान हो गई है। इस बार भी संसदीय चुनाव में भाजपा चारों सीटों पर जीतेगी।