दुपहिया वाहन बनाने वाली भारत की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी बजाज ऑटो ने कम कार्बन उत्सर्जन वाला चौपहिया वाहन ‘आर-ई60’ राजधानी दिल्ली में प्रदर्शित किया है। बजाज ऑटो में प्रबंध निदेशक राजीव बजाज ने बताया कि कम प्रदूषण फैलानी वाली इस कार को शहरों में सार्वजनिक वाहन के तौर पर इस्तेमाल के लिए विकसित किया गया है।
उन्होंने कहा, ”हमारी कोशिश है कि हमारी कार भारत में ऑटो रिक्शा की जगह ले ले। वही हमारे मुख्य उपभोक्ता हैं, लेकिन कोई और भी इसे पसंद करे तो अपने घर ले जा सकता है।”
बजाज के मुताबिक अगले कुछ महीनों में इस कार का उत्पादन शुरू हो जाएगा और बाजार में उतारते वक्त ही इसके दाम का ऐलान किया जाएगा।
कम प्रदूषण
कार का नाम ‘आर-ई60’ इसलिए रखा गया है क्योंकि कंपनी के मुताबिक इस कार से प्रति किलोमीटर सिर्फ 60 ग्राम कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित होगा, जो इस श्रेणी की अन्य कारों से आधा है।
कार के बाजार में पहली बार कदम रखते हुए बजाज ऑटो का दावा है कि यह कार कम ईंधन में ज्यादा किलोमीटर चलेगी और शहरों में प्रदूषण और बढ़ते ट्रैफिक से निपटने में कारगर साबित होगी।
कंपनी के मुताबिक 400 किलोग्राम के वजन और 200 सीसी के इंजन वाली ‘आर-ई60’, 35 किलोमीटर प्रति लीटर की औसत से चलेगी। कार अधिकतम 70 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार तक पहुंच सकेगी।
बजाज ऑटो ने पिछले वर्ष ऐसी कार बनाने के लिए जापान की निस्सान मोटर कंपनी और फ्रांस की रेनौ एसए कंपनी के साथ मिलकर काम शुरू किया था, लेकिन आखिरकार ‘आर-ई60’ को खुद ही विकसित किया।
‘आर-ई60’ कार को बजाज ऑटो के औरंगाबाद स्थित प्लांट में बनाया जाएगा।
कौन हैं प्रतिद्वंद्वी?
टाटा ने अब नैनो 2012 के नए मॉडल बाजार में उतारे हैं और इनका दाम करीब 1,40,000 रुपए से शुरू होता है। इस प्रदर्शनी से पहले इस कार को टाटा की नैनो कार का प्रतिद्वंद्वी माना जा रहा था। महिन्द्रा कंपनी की बैटरी से चलने वाली रीवा कार के अलावा ईंधन से चलने वाली छोटी कारों की श्रेणी में अब तक केवल टाटा की नैनो कार ही बाजार में थी।
टाटा की नैनो कार मार्च 2009 में बाजार में आई थी। एक लाख रुपए की कीमत का दावा होने की वजह से उसे ‘लखटकिया’ का नाम दिया गया था। बाजार में नैनो कार का दाम अब 1,40,000 रुपये है।