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मध्यप्रदेश सरकार एक ओर वीरवार को स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन पर सूर्य नमस्कार पर विश्व रिकॉर्ड बनाने के प्रयास में लगी थी तो दूसरी ओर कुछ मुस्लिम धार्मिक नेताओं ने सूर्य नमस्कार के खिलाफ फतवा जारी कर दिया। धार्मिक नेताओं का कहना है कि सूर्य नमस्कार मूर्ति पूजा के समान है, जिसकी इस्लाम में अनुमति नहीं है। इस पर प्रदेश में भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्पष्टीकरण जारी किया है कि किसी के लिए भी सूर्य नमस्कार में हिस्सा लेना अनिवार्य नहीं है।
वैसे सूर्य नमस्कार को लेकर यह विवाद नया नहीं है। इससे पहले भी सरकार ने स्कूलों में छात्रों के लिए वंदेमातरम और सूर्य नमस्कार अनिवार्य करने का नियम बनाया था, लेकिन शिक्षा के भगवाकरण के आरोपों और अदालत के आदेश के बाद इसे वापस लेना पड़ा था। इसके अलावा सरकार ‘मध्यप्रदेश गान’ को सभी शासकीय कार्यक्रमों में अनिवार्य किए जाने को लेकर भी विवाद में आ चुकी है।
राज्य में सभी सरकारी और सरकार की ओर से सहायता प्राप्त स्कूलों को निर्देश जारी किए गए थे कि वे स्वामी विवेकानंद के जन्म दिवस पर सामूहिक सूर्य नमस्कार के लिए अधिकतम संख्या में छात्रों की उपस्थिति सुनिश्चित करें। लेकिन इस बीच मुस्लिम धार्मिक नेताओं ने सूर्य नमस्कार को गैर इस्लामिक करार दे दिया। उनका आरोप है कि भाजपा सरकार प्रदेश में शिक्षा का भगवाकरण कर रही है।
इसके बाद राज्य की स्कूली शिक्षा मंत्री अर्चना चिटनिस ने पत्रकारों से कहा, ”सूर्य नमस्कार एक योग आसन है, जो स्वास्थ्यवर्धक है। जिनको इसमें दिलचस्पी नहीं है उनके पास इससे अलग रहने का विकल्प है। सूर्य न भगवा है और न हरा।”