तालियों की गडग़ड़ाहट के बीच बुधवार को दिल्ली में लॉन्च हुआ दुनिया का सबसे सस्ता टैबलेट कम्प्यूटर, जिस पर मेड इन इंडिया का टैग रहेगा.. नाम है आकाश। लक्ष्य ये है कि इसे 1750 रुपये में बच्चों को उपलब्ध करवाया जाए। हालांकि इसे बनाने की लागत लगभग दोगुनी है।
Advertisement
यूं तो भारतीय बाजार में आईपैड है, भारती एयरटेल, रिलायंस जैसी कंपनियों के टैबलेट उपलब्ध हैं, लेकिन टैबलेट आकाश का मकसद कुछ और है। मानव संसाधन मंत्रालय अपने सस्ते टैबलेट को लाखों विद्यार्थियों को मुहैया करवाना चाहता है ताकि वे शैक्षणिक सामग्री डाउनलोड कर सकें और आईटी क्षेत्र से जुड़ सकें। इस मौके पर मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा-आज हमने वो किया है जिसे असंभव कहा जा रहा था। यह टैबलेट केवल भारतीय विद्यार्थियों तक सीमित नहीं है। हम चाहते हैं कि दुनिया भर के वो बच्चे और लोग जो इंटरनेट से महरूम हैं, वो सशक्त हो सकें, दुनिया भर की जानकारियों तक उनकी पहुंच बने।
टैबलेट आकाश को भारत के शीर्ष आईटी कॉलेजों ने विकसित किया है और इसका निर्माण का बीड़ा विदेशी कंपनी डाटाविंड ने उठाया। बाद में भी यह कम्प्यूटर भारत में ही एसेंबल किया जाएगा।
अब बात करते हैं कि इस टचस्क्रीन टैबलेट के फीचर की। इसमें 256 मेगबाइट रैम है, दो जीबी का एसडी मेमरी कार्ड है, 32 गीगाबाइट की मेमरी विस्तार क्षमता है और दो यूएसबी पोर्ट हैं। यह गूगल के एंड्रॉयड प्लेटफॉर्म पर काम करेगा। इसमें आप पेन ड्राइव, वेबकैम, डोंगल लगा सकते हैं और वाईफाई कनेक्टिविटी का विकल्प भी है।
अभी यह टैबलेट ट्रायल दौर में है। इसे कुछ छात्रों और ट्रेनरों में बांटा गया है, जो इसका इस्तेमाल करेंगे। 45 दिनों बाद इसके प्रदर्शन पर रिपोर्ट सौंपी जाएगी। उसके अनुसार आकाश में बदलाव किया जाएगा। सरकार का लक्ष्य स्कूली बच्चों के लिए एक करोड़ टैबलेट उपलब्ध करवाना है। जाहिर है आने वाले दिनों में सबकी निगाहें आकाश पर रहेंगी कि क्या यह वाकई ई-सशक्तिकरण में ऊंचाइयां छू पाएगा या नहीं।