शिमला। तत्तापानी और सलापड़ क्षेत्र के मध्य जल परिवहन सुविधाएं विकसित करने के लिए तत्तापानी और कसोल गांव में 2.02 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से दो जैटीज और सामान्य सुविधाएं निर्मित की जाएंगी। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने सोमवार को यहां अन्तर्देशीय जल परिवहन की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एनटीपीसी से जैटीज के निर्माण हेतू भूमि के उपयोग के लिए समझौता ज्ञापन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे न केवल क्षेत्र के लोगों को कम लागत में प्रभावी परिवहन सुविधाएं उपलब्ध होंगी, बल्कि क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों के लिए भी यह आकर्षण का केन्द्र साबित होगा। इससे आस-पास के क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर सृजित होंगे।
जय राम ठाकुर ने कहा कि परामर्श सेवाओं के लिए ई-टेंडर आमंत्रित किए जा चुके हैं ताकि विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा सके। कोल बांध, भाखड़ा बांध, चमेरा बांध और पौंग बांध जलाश्यों में विधि मान्य स्थानों पर टैंडर दस्तावेज तैयार करने के लिए भी ई-टैंडर आमंत्रित किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोल डैम में 10 रूट अधिसूचित किए गए हैं, जिनमें अहान से कोल, कियान से सुई वाया बियो, सूई से नेरी- रोपड़ू वाया बियो, नेरी- रोपड़ू से कारला- बेरल, दोघरी से कारला- बेरल, कियान से जरटू, शाकरा से कियान, चाबा से सरौर, तत्तापानी से क्यारी (चिल्ला) और कियान से कारला अहान, जरटू, सूई, मेहन्दला और नेरी रोपड़ू (ठहराव के साथ) मार्ग शामिल हैं।
भारतीय अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) और परिवहन विभाग ने 20 जुलाई, 2019 को कोल डैम में इसकी सम्भावनाएं खोजने के लिए संयुक्त निरीक्षण किया थी, जिसमें राजकीय महाविद्यालय सुन्नी, हॉट स्प्रिंग होटल तत्तापानी के निकट रंदौल गांव और कसोल गांव को तत्तापानी और सलापड़ के बीच जल परिवहन आरम्भ करने के लिए उपयुक्त पाया गया।
जय राम ठाकुर ने कहा कि विभाग को वित्त पोषण के लिए भारतीय अन्तर्देशीय जल प्राधिकरण के समक्ष विभिन्न परियोजनाएं रखनी चाहिए। भारत सरकार ने 25 मार्च 2016 को राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम-2016 के तहत चार राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किए। इनमें ब्यास नदी में तलवाड़ा बेरेज से हरकीधाम, चेनाब नदी पर चेनाब सड़क पुल से भद्राकलां के निकट पुल, रावी नदी में गंधियार बांध से रंजीत सागर बांध और सतलुज नदी में सुन्नी सड़क पुल से हरकीधाम शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोविन्द सागर बांध में 107 अन्तर्देशीय जल परिवहन मार्ग चिन्हित किए गए है और कुल 170 परमिट दिए गए है। 60 कि.मी. लंबा बिलासपुर-भाखड़ा मार्ग सबसे लंबा रूट है, जिसके लिए लोगों को केवल 80 रुपये किराया देना पड़ता है।
प्रधान सचिव, परिवहन के.के. पंत ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि तत्तापानी और सलापड़ के बीच सभी सम्भव स्थानों पर जल परिवहन सुविधा शुरू करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। निदेशक परिवहन अनुपम कश्यप ने राज्य में अन्तर्देशीय जल परिवहन क्षमता के संबंध में प्रस्तुति दी।
उपायुक्त मंडी ऋग्वेद ठाकुर, उपायुक्त कांगड़ा राकेश प्रजापति, उपायुक्त चंबा दुनी चंद राणा भी अपने- अपने जिलों से इंटरनेट के माध्यम से बैठक से जुड़े।