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राजधानी का पेयजल संकट लेगा निगम की बलि!

शिमला। राजधानी शिमला में गहराया विकराल पेयजल संकट क्या भाजपा शासित नगर निगम की बलि ले लेगा? कांग्रेस निगम महापौर और उपमहापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में है। कांग्रेस ने इंजनघर वार्ड से भाजपा समर्थित पार्षद आरती चौहान को अपने पाले में खींचने के लिए उन्हें उप-महापौर पद का ऑफर दिया है। भाजपा के कुछ और पार्षद भी कांग्रेस के संपर्क में बताए जा रहे हैं।

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नगर निगम के 34 सदस्यीय सदन में भाजपा के पास निर्दलियों सहित 19 पार्षद हैं। कांग्रेस को बहुमत के लिए 18 पार्षदों की जरूरत पड़ेगी, जबकि उसके पास इस समय केवल 14 पार्षद ही हैं। कांग्रेस को माकपा की एकमात्र पार्षद शैली शर्मा का समर्थन भी मिल सकता है। उसके बाद भी उसे तीन और पार्षदों का जुगाड़ करना पड़ेगा। आरती चौहान के अतिरिक्त भी भाजपा के कुछ और पार्षद कांग्रेस के संपर्क में बताए जा रहे हैं। भाजपा अपने बागी पार्षदों को मनाने के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगा रही है।

पेयजल संकट के दौरान निगम महापौर कुसुम सदरेट और प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली से पार्टी से जुड़े कई पार्षदों ने खुलकर विद्रोह का झंडा बुलंद कर कांग्रेस और लेफ्ट के धरना प्रदर्शनों में भाग लेना शुरू कर दिया था। महापौर कुसुम सदरेट के चीन दौरे ने आग में घी का काम किया। आरंभ में भाजपा पार्षदों की बगावत निगम में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर थी। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री और संगठन से भी अपनी शिकायत की, लेकिन कहीं से भी संतोषजनक जवाब नहीं मिला।

हाल ही में भाजपा समर्थित पार्षद आरती चौहान जब अपने समर्थकों सहित निगम और सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ गईं तो भाजपा के हाथ पैर फूल गए। इसे एक बड़ा खतरा भांपते हुए भाजपा नेतागण तुरंत उन्हें मनाने के लिए धरना स्थल पर पहुंचे, लेकिन वे नहीं मानीं।

कांग्रेस पार्षदों ने लिखित रूप से घोषणा की है कि अविश्वास प्रस्ताव लाने पर उपमहापौर पद के लिए आरती चौहान ही उनकी उम्मीदवार होंगी। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि महापौर पद के लिए कांग्रेस किस चेहरे को आगे करेगी। आरती चौहान अब कांग्रेस नेताओं के साथ देखी जाती हैं। उनके अतिरिक्त और कितने पार्षद कांग्रेस के साथ खड़े हैं, इसका खुलासा अविश्वास प्रस्ताव के समय ही लग पाएगा।

नगर निगम के लिए गत वर्ष 16 जून, 2017 को हुए चुनाव में भाजपा ने कुल 34 में से 17 सीटों पर समर्थित प्रत्याशियों को जिता कर साधारण बहुमत प्राप्त किया था। पूर्ण बहुमत के लिए पार्टी के एक बागी पार्षद राकेश शर्मा का भी उसे समर्थन मिल गया था। उधर, कांग्रेस समर्थित केवल 13 पार्षद ही जीत पाए थे तथा उसे पार्टी से बगावत कर लड़े दो पार्षदों और सीपीआईएम की एक पार्षद के समर्थन की उम्मीद थी। लेकिन शपथ ग्रहण के समय तक जब कच्चीघाटी वार्ड से विजयी कांग्रेस के बागी पार्षद संजय परमार भी विपक्षी खेमे में जा बैठे तो भाजपा समर्थित पार्षदों की संख्या 19 तक पहुंच गई। सीपीआई-एम की एकमात्र पार्षद शैली शर्मा ने किसी भी पार्टी के पक्ष में मतदान से इनकार कर दिया था।

एचएनपी सर्विस

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