मंडी। मंडी जिला में बल्ह घाटी के तहत गांव दौंधी बगला के दो जुड़वां भाइयों ने न्यायिक सेवाओं की परीक्षा उत्तीर्ण कर नया इतिहास रचा है। बचपन से ही बहुत सी
हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा के अधिकारी बीआर कौंडल और शिक्षिका कौरा देवी के घर 19 जनवरी 1983 को दो जुड़वां बेटों ने जन्म लिया। बचपन से ही इन सुंदर एवं शर्मीले जुड़वां बच्चों में बहुत सी आदतें एक समान थीं। पिता बीआर कौंडल को कानून की शिक्षा से बेहद लगाव था। शायद इसी कारण दोनों बच्चों में भी यह संस्कार स्थानांतरित हुए। समय आगे बढ़ा तो पिता और पुत्रों ने एक साथ दिल्ली विश्वविद्यालय में कानून की पढ़ाई के लिए दाखिला लिया। इस दिलचस्प मेल के कारण तीनों का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में भी दर्ज हुआ।
पिता बीआर कौंडल तो प्रशासनिक सेवा में ही रहे और वर्तमान में पूर्व सैनिक लीग के सचिव हैं, लेकिन दोनों बेटे न्यायाधीश बन गए। हालांकि इसमें एक बात अलग यह जरूर हुई कि दोनों भाइयों में विक्रांत कौंडल तो वर्ष 2008 में ही न्यायिक सेवाओं की परीक्षा उत्तीर्ण कर न्यायाधीश बन गए और इस समय सोलन में तैनात हैं। लेकिन उस समय विशाल कौंडल पांच नंबरों से पिछड़ गए थे। विशाल ने अब यह परीक्षा उत्तीर्ण कर अपना मुकाम हासिल किया है। यही नहीं इस दौरान विशाल ने कानून की स्नातक डिग्री की पढ़ाई भी जारी रखी, जूनियर रिसर्च फैलोशिप के लिए भी तैयारी करते रहे और नेट की परीक्षा भी देते रहे। अंतत: एक ही साल में विशाल न्यायिक सेवा के लिए भी चयनित हो गए और उन्हें फैलोशिप भी मिल गई। दोनों भाई इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता को ही देते हैं।
बल्ह घाटी के जुड़वां भाई बन गए न्यायाधीश
Advertisement