शिमला। हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए गठित थर्डफ्रंट ‘हिमाचल लोक मोर्चा’ ने फील्ड में अपनी बिसात बिछानी शुरू कर दी है। थर्डफ्रंट की प्रदेश में
हिलोपा अभी तक बिना चुनाव चिन्ह के ही प्रचार कर रही है। गत सात अगस्त की सुनवाई में चुनाव आयोग से हिलोपा को चुनाव आचार संहिता लागू करने के समय चिन्ह आवंटित करने का आश्वासन मिला है। हिलोपा को उम्मीद है कि विधानसभा चुनाव में अन्ना हजारे और स्वामी रामदेव का भी भरपूर सहयोग मिलेगा। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार हिलोपा नेताओं की अन्ना हजारे के निकट सहयोगियों और बाबा रामदेव के स्वाभिमान मंच से जुड़े नेताओं के साथ कई दौर की बातचीत हो चुकी है। यदि विधानसभा चुनाव में उनसे वास्तव में ही सहयोग मिलता है तो प्रदेश में थर्डफ्रंट को निश्चित रूप से ताकत मिलेगी।
हिलोपा ने प्रदेश में अनेक विधानसभा क्षेत्रों के लिए पहले से ही अपने प्रत्याशी घोषित कर रखे हैं। इनमें नाहन में श्यामा शर्मा, सोलन में ओपी कांत, दून में जसवंत ठाकुर, घुमारवीं में केडी धर्माणी, बिलासपुर सदर में एडवोकेट दौलत राम शर्मा, परागपुर में नवीन धीमान, शाहपुर में बलवीर चौधरी, नादौन में बाबूराम मंडयाल और बड़सर में सतीश बनयाल आदि प्रमुख हैं। ये लोग पिछले काफी समय से अपने-अपने क्षेत्रों में चुनाव प्रचार में सक्रिय हैं। इनमें अधिकांश नेताओं का चुनाव में पिछला काफी अच्छा रिकॉर्ड रहा है और ये प्रमुख दलों कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशियों को कड़ी टक्कर देने में सक्षम हैं। महेश्वर सिंह स्वयं कुल्लू विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लडऩे जा रहे हैं। हिलोपा को कांग्रेस और भाजपा से कुछ और नेताओं के छिटक कर आने की भी उम्मीद है।
सीपीआईएम ने शिमला शहरी, शिमला ग्रामीण, कसुम्पटी, ठियोग, जोगिंद्र नगर, किन्नौर, बल्ह, चच्योट, लाहौल-स्पीति, रेणुका आदि क्षेत्रों में प्रचार अभियान छेड़ दिया है। इन क्षेत्रों के लिए उसके प्रत्याशी भी लगभग तय हैं। सीपीआई ने नयनादेवी विधानसभा क्षेत्र से पार्टी के पूर्व विधायक केके कौशल को मैदान में उतार दिया है। अन्य सीटों के लिए प्रत्याशियों की सूची तैयार की जा रही है।
‘हिमाचल लोक मोर्चाÓ ने गठबंधन के लिए अभी भी अन्य दलों के लिए विकल्प खुले छोड़ रखे हैं। माना जा रहा है कि बाहर से आने वाला कोई बड़ा दल इस फ्रंट का हिस्सा बन सकता है।
हिमाचल लोक हित पार्टी (हिलोपा) प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा से नाराज नेताओं की उपज है। इन नेताओं ने गत वर्ष नवंबर माह में पूर्व सांसद महेश्वर सिंह के नेतृत्व में सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा का गठन किया था। उसके बाद गत 2 फरवरी को यह मोर्चा हिमाचल लोकहित पार्टी में तबदील हो गया। हिलोपा ने गत 27 फरवरी को चुनाव आयोग में पंजीकरण और चुनाव चिन्ह के लिए आवेदन किया। पार्टी का पंजीकरण हो गया है। अब चुनाव चिन्ह का इंतजार है।
विधानसभा चुनाव में थर्ड फ्रंट के मोहरे सजने शुरू
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