Advertising

Categories: राजनीति

‘फीस वृद्धि पर सरकार की नीयत साफ नहीं, होगा आंदोलन’

शिमला। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने आरोप लगाया है कि उच्च शिक्षण संस्थानों में हुई अथाह फीस वृद्धि मामले में

Advertisement
सरकार की नीयत साफ नहीं है। वह इस मुद्दे पर स्वयं गठित उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट को भी दो माह से दबाए बैठी है और इसे सार्वजनिक करने तक से बच रही है। ऐसे में पीड़ित जनता के पास प्रदेशव्यापी आंदोलन के सिवाये कोई चारा ही नहीं रह गया है।  

माकपा की शिमला लोकल कमेटी के सचिव विजेंद्र मेहरा ने एक बयान में कहा कि यहां उच्च शिक्षण संस्थानों में अचानक 5000 प्रतिशत तक की फीस वृद्धि के कारण राज्य की अधिकांश आबादी अपने बच्चों को कालेजों एवं विश्वविद्यालय की शिक्षा दिलाने से वंचित हो गई है। छात्र संगठनों एवं आम जनता के दबाव में सरकार ने इस मामले में न्यायाधीश वीके शर्मा की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की थी। आम जनता से सुझाव लेने के बाद समिति ने अपनी सिफारिश भी दो माह पूर्व सौंप दी, लेकिन सरकार ने इस रिपोर्ट को भी दबा दिया। उन्होंने कहा कि सरकार ने समिति की रिपोर्ट आने के बाद न मंत्रिमंडल की बैठकों में और न ही विधानसभा सत्र में इस मुद्दे पर कोई चर्चा की। इससे सरकार की मंशा साफ हो जाती है कि वह आम गरीब जनता की समस्या के प्रति कतई गंभीर नहीं है और मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह मात्र कोरे आश्वासन देकर जनता को मूर्ख बनाने का प्रयास कर रहे हैं।

विजेंद्र मेहरा ने कहा कि प्रदेश में लाखों कर्मचारी 1000 रुपये से लेकर 5100 रुपये मासिक वेतन पर जीवन निर्वाह कर रहे हैं, जिनमें मिड-डे मील वर्कर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व हेल्पर, वाटर गार्ड, जल वाहक और पंचायत चौकीदार से लेकर विभिन्न उद्योगों एवं असंगठित क्षेत्रों में काम कर रहे लोग शामिल हैं। अथाह फीस वृद्धि के कारण ये लोग आज अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने से वंचित हो गए हैं और उच्च शिक्षा केवल उच्च वर्ग के लिए ही आरक्षित होकर रह गई है। माकपा नेता ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सरकार की इस अन्यायपूर्ण नीति को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और शीघ्र ही इस मुद्दे पर प्रदेशव्यापी आंदोलन छेड़ा जाएगा।

श्रम कानूनों में फेरबदल बर्दाश्त नहीं- मजदूर संगठन सीटू ने केंद्र सरकार द्वारा श्रम कानूनों में मनमाने ढंग से किए जा रहे फेरबदल पर चिंता व्यक्त की है और कहा है कि सभी मजदूरों को एकजुट होकर इसके खिलाफ आवाज उठानी पड़ेगी। सीटू की शिमला एरिया कमेटी की बुधवार को हुई एक बैठक में वक्ताओं ने आरोप लगाया कि भाजपा ने संसदीय चुनाव में ‘अच्छे दिनों’ का नारा देकर मजदूरों एवं आम जनता का समर्थन हासिल किया, लेकिन सत्ता में आते ही बड़े कारपोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए श्रमिकों की रक्षा के लिए बने कानूनों में फेरबदल शुरू कर दिया। इसमें फैक्ट्री एक्ट, औद्योगिक विवाद अधिनियम, प्रशिक्षु अधिनियम आदि में फेरबदल शामिल हैं। बैठक की अध्यक्षता कमेटी के अध्यक्ष किशोरी डढवालिया ने की।

कमेटी के महासचिव विनोद विरसांटा ने अपने संबोधन में कहा कि देश में आजादी के बाद मजदूरों ने दशकों चले कड़े संघर्षों से कुछ अधिकार अर्जित किए थे, जिन्हें आज मोदी सरकार एक ही झटके में समाप्त कर देने पर आमादा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 50 से कम मजदूरों वाली फैक्टरी को श्रम कानूनों के दायरे से बाहर करने का प्रस्ताव तैयार किया है। इससे वहां मजदूरों के न्यूनतम वेतन, मेडिकल सुविधा, प्रोविडेंट फंड जैसी सुविधाओं पर हमला सुनिश्चित है।

उन्होंने कहा कि सरकार यह भी व्यवस्था करने जा रही है कि 300 कर्मचारियों तक के उद्योगों को उनके मालिक जब मर्जी चाहे बंद कर सकेंगे, जबकि अभी 100 से अधिक कर्मचारियों वाले उद्योगों को बंद करने के लिए सरकार से मंजूरी लेनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि सरकार यदि अपने इस षड्यंत्र में कामयाब हो जाती है तो देश में कुल श्रमिक वर्ग का 73 प्रतिशत हिस्सा इन सुविधाओं से वंचित हो जाएगा। देश की मेहनतकश जनता इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।

सीटू नेता ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार आज अडानी- अंबानी जैसे बड़े औद्योगिक घरानों को पुष्ट करने के लिए आम मेहनतकश जनता का गला घोंटने पर तुली हुई है। बड़े उद्योगों को धड़ाधड़ असुरक्षित ऋण बांटे जा रहे हैं, जबकि गरीबों के लिए शुरू की गई मनरेगा जैसी योजना के बजट में भी कटौती की जा रही है। सरकार की इस नीति पर आम जनता में कड़ी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।

बैठक में सीपीआईएम की 16 दिसंबर को प्रस्तावित रैली की तैयारियों को लेकर चर्चा हुई और निर्णय लिया गया कि रैली को सफल बनाने के लिए सीटू अपनी पूरी ताकत लगा देगी। बैठक में सीटू के जिला महासचिव विजेंद्र मेहरा, राज्य कोषाध्यक्ष रमाकांत मिश्रा और उपाध्यक्ष बच्चन नेगी सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए।

एच. आनंद शर्मा

H. Anand Sharma is active in journalism since 1988. During this period he worked in AIR Shimla, daily Punjab Kesari, Dainik Divya Himachal, daily Amar Ujala and a fortnightly magazine Janpaksh mail in various positions in field and desk. Since September 2011, he is operating himnewspost.com a news portal from Shimla (HP).

Recent Posts

पं नेहरू के प्रति मेरे मन में पूरा सम्मानः शांता कुमार

धर्मशाला। पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शांता कुमार ने कहा है कि पालमपुर नगर… Read More

6 months ago

मणिकर्ण में आग लगने से दो मंजिला मकान जलकर राख

कुल्लू। जिला कुल्लू के मणिकर्ण घाटी के गांव सरानाहुली में बुधवार रात को दो मंजिला… Read More

6 months ago

फासीवाद बनाम प्रगतिशील

फासीवाद और प्रगतिशील दोनों विपरीत विचारधाराएं हैं। एक घोर संकीर्णवादी है तो दूसरी समाज में… Read More

6 months ago

वाईब्रेंट विलेज नमग्या पहुंचे राज्यपाल, स्थानीय संस्कृति एवं आतिथ्य की सराहना की

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत किन्नौर जिला के सीमावर्ती… Read More

7 months ago

दुग्ध उत्पादकों के लिए जुमलेबाज ही साबित हुई सुक्खू सरकार

रामपुर। कांग्रेस ने चुनाव के दौरान 80 व 100 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से… Read More

11 months ago

खुलासाः मानव भारती विवि ने ही बनाई थीं हजारों फर्जी डिग्रियां

शिमला। मानव भारती निजी विश्वविद्यालय के नाम से जारी हुई फर्जी डिग्रियों में इसी विवि… Read More

11 months ago
Advertisement