नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला और उनके बेटे समेत 53 लोगों को तीन हजार
आरोप है कि वर्ष 1999-2000 के दौरान हरियाणा में 3,032 लोगों को अध्यापक के तौर पर भर्ती किया गया था और इसमें से हर एक से तीन से चार लाख रुपये की रिश्वत ली गई। सीबीआई की चार्जशीट में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला और उनके बेटे अजय चौटाला का नाम भी शामिल है। सीबीआई के अधिकारियों का कहना है कि खुद चौटाला ने तत्कालीन निदेशक (प्राथमिक शिक्षा) संजीव कुमार को इस बारे में लिखित आदेश दिया। संजीव कुमार भी इस मामले में अभियुक्त बनाए गए हैं।
इस घोटाले के वक्त हरियाणा के शिक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी भी चौटाला के पास थी। उन्होंने कुमार से कहा कि वो इंटरव्यू की फर्जी सूची तैयार करें।
आरोप है कि जिन लोगों ने रिश्वत दी उन्हें इंटरव्यू में 20 में से 17 से 19 के बीच अंक दिए गए, जबकि आठ हजार लोगों में से योग्यता के आधार पर चुने गए लोगों को 3 से 5 अंक दिए गए।
ये घोटाला उस समय सामने आया जब संजीव कुमार एक याचिका के साथ अदालत पहुंचे और उन्होंने इंटरव्यू की मूल सूची दिखाई। एक अधिकारी के अनुसार संजीव कुमार पर मुख्यमंत्री की ओर से फर्जी सूची बनाने का दबाव था। उन्हें आशंका थी कि रिश्वत से मिलने वाली राशि का बराबर बंटवारा नहीं होगा, इसलिए वो अदालत गए। संजीव कुमार के अलावा उन लोगों ने भी अदालत का दरवाजा खटखटाया, जिन्हें भर्ती में चुना नहीं गया।
शिक्षक भर्ती घोटाले में चौटाला दोषी करार, हिरासत में
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