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Categories: राजनीति

वीरभद्र पर निशाना, भाजपा के साथ पींगें

शिमला। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के लिए यह कोई नई बात नहीं है। पार्टी में उनके विरोधियों की कभी भी कमी नहीं रही। हमेशा ही चुनाव से पूर्व उन्हें विरोधियों और हाईकमान से लड़कर ही रास्ता बनाना पड़ा है। लेकिन इस बार नई बात यह है कि हाईकमान स्वयं चाहता है कि विधानसभा चुनाव की कमान वीरभद्र सिंह के हाथों में ही रहे। उनके दलगत विरोधियों के खेमे में भी कुछ उल्लेखनीय नया है। इस बार वे हमला तो वीरभद्र सिंह पर कर रहे हैं, लेकिन पींगें भाजपा के साथ बढ़ा रहे हैं। 

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हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में वीरभद्र सिंह के खिलाफ कोई न कोई धड़ा हमेशा ही खड़ा रहा है। कभी पं. सुखराम थे, फिर विद्या स्टोक्स को प्रमुख प्रतिद्वंद्वी माना गया, उसके बाद कौल सिंह ठाकुर भी सुर्खियों में रहे और अब प्रदेशाध्यक्ष सुखविंद्र सुक्खू हैं। लेकिन वीरभद्र सिंह ने लड़ाई लड़ी और कट्टर समर्थकों के सहयोग से अपनी राह स्वयं बनाते गए। आज संकट की स्थिति में हाईकमान को इसी ‘फाइटर’ पर भरोसा करना पड़ रहा है। 

इस समय केंद्र की तरह हिमाचल में भी कांग्रेस संकट में है। ‘गुड़िया रेप एंड मर्डर केस’ ने यह संकट और गहरा किया है। यहां तक कि मुख्यमंत्री के कुछ खास समर्थक भी चेहरा छिपाते हुए नजर आ रहे हैं। उसके बावजूद पार्टी हाईकमान स्वयं चाहती है कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव की कमान वीरभद्र सिंह ही संभालें।  इसके बाद स्वभाविक ही मुख्यमंत्री का अगला कदम संगठन को अपने हाथ में लेने का होगा और यही वीरभद्र और सुक्खू के मध्य छिड़ी जंग का मुख्य कारण है। सुक्खू खेमे को आशंका है कि हाईकमान ने यदि मुख्यमंत्री की यह मांग मान ली तो विरोधी धड़े की प्रतिष्ठा धूल में मिल जाएगी।  

प्रदेश में इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता कि मुख्यमंत्री के खिलाफ संगठन में एक बड़ा धड़ा सक्रिय है, जो बार- बार भाजपा के संपर्क में होने के संकेत देते हुए हाईकमान को ब्लैकमेल कर रहा है। हाल ही में सुक्खू के समर्थन में एक मंत्री सहित 6 विधायकों द्वारा हाईकमान को पत्र लिखना भी इसी कसरत का हिस्सा है। प्रचारित किया जा रहा है कि ये सभी भाजपा से सीधे संपर्क में हैं।

परिवहन मंत्री जीएस बाली खुल कर कह चुके हैं कि उनके वीरभद्र सिंह से मतभेद हैं। भाजपा में जाने के सवाल पर वे केवल मुस्कुरा देते हैं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता मेजर विजय सिंह मनकोटिया अपनी सरकार और मुख्यमंत्री पर लगातार ताबड़तोड़ हमले कर रहे हैं, लेकिन संगठन में बने हुए हैं। शायद इन्हीं लोगों के दम पर भाजपा हिमाचल में उत्तराखंड दोहराना चाहती है।       

माना जा रहा है कि वीरभद्र सिंह पार्टी प्रदेशाध्यक्ष बदलने से नीचे कोई शर्त नहीं मानेंगे। नई भूमिका बांधने के लिए हाईकमान ने प्रदेश प्रभारी को बदल दिया है। नए प्रभारी सुशील कुमार शिंदे शीघ्र ही हिमाचल आने वाले हैं। राहुल गांधी ने उन्हें क्या निर्देश दिए हैं, उसका खुलासा शीघ्र ही हो जाएगा।

एच. आनंद शर्मा

H. Anand Sharma is active in journalism since 1988. During this period he worked in AIR Shimla, daily Punjab Kesari, Dainik Divya Himachal, daily Amar Ujala and a fortnightly magazine Janpaksh mail in various positions in field and desk. Since September 2011, he is operating himnewspost.com a news portal from Shimla (HP).

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