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शिमला। प्रदेश सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए नेतृत्व परिवर्तन की मांग करने वाले रोहड़ू के विधायक खुशीराम बालनाटाह का हश्र भी सांसद राजन सुशांत की तरह हो सकता है। चर्चा है कि पार्टी ने इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। खुशीराम बालनाटाह को वीरवार को प्रदेश भाजपा ने कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है। पार्टी प्रवक्ता गणेश दत्त के अनुसार यह नोटिस उन्हें पार्टी उच्च कमान से विचार विमर्श के बाद दिया गया है। बालनाटाह के इस अप्रत्याशित कदम के बाद पार्टी के अनेक वरिष्ठ नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। संभव के बालनाटाह को राजन सुशांत की तर्ज पर पार्टी से निलंबित कर दिया जाए।
उल्लेखनीय है कि गत वर्ष कांगड़ा से भाजपा सांसद राजन सुशांत ने भी अपनी ही सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे। उन्हें शांत करने के लिए काफी प्रयास किए गए, लेकिन जब किसी भी तरह बात नहीं बनी तो अंतत: उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया। इस समय राजन सुशांत ्रप्रदेश में अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं।
गणेश दत्त ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि पार्टी के विधायक खुशी राम बालनाटाह ने सरकार पर सार्वजनिक रूप से भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए उच्च कमान से नेतृत्व परिवर्तन की मांग उठाई है। यदि उन्हें कोई शिकायत थी तो वे नियमानुसार पार्टी प्लेटफार्म पर अपनी बात रख सकते थे। इस तरह सार्वजनिक रूप से मामला उठाना पार्टी की अनुशासनहीनता है। इसलिए उन्हें नियमानुसार कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के बैनर पर जीत कर विधानसभा पहुंचने वाला व्यक्ति यदि नेतृत्व परिवर्तन का बात करे तो इसे राजनीतिक बेइमानी ही कहा जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल के नेतृत्व में सरकार सरकार बहुत अच्छा काम कर रही है। प्रदेश में उत्कृष्ट कार्यों के लिए सरकार को राष्ट्रीय स्तर पर 50 से अधिक पुरस्कार मिल चुके हैं। ऐसे में पार्टी के ही किसी विधायक द्वारा नेतृत्व परिवर्तन की मांग उठाना दुर्भाग्यपूर्ण है।