शिमला। भाजपा हाईकमान ने रविवार को नाहन से पूर्व विधायक डॉ राजीव बिंदल को हिमाचल भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने हाल ही में अचानक सबको हैरान करते हुए अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था। डॉ. राजीव बिंदल पहले भी प्रदेश अध्यक्ष के पद पर रह चुके हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने रविवार को पत्र जारी कर डॉ. बिंदल की नियुक्ति की घोषणा की। उनकी इस ताजपोशी से उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई है। बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उन्हें बधाई देने पहुंचे।
डॉ. बिंदल की यह नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब पार्टी राजधानी शिमला में नगर निगम के चुनाव में जूझ रही है। यह चुनाव 2024 के लोकसभा चुनाव में रहने वाले पार्टी के प्रदर्शन की झलक भी दिखाएंगे। ठीक ऐसे समय सुरेश कश्यप ने अचानक क्यों त्यागपत्र दिया, इसे लेकर भी कई तरह की चर्चाएं हैं।
डॉ राजीव बिंदल का जन्म 12 जनवरी 1955 को सोलन में स्वर्गीय वैद्य बालमुकंद बिंदल के घर हुआ। डॉ राजीव बिंदल छोटी आयु से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए थे। 1977 में हरियाणा प्रदेश आयुर्वेद छात्र संघ के अध्यक्ष बने। 1978 में आयुर्वेद आचार्य की डिग्री हासिल करने के बाद 1983 से 1994 तक सोलन में चिकित्सा कार्य किया।
डॉ बिंदल 1995 में पहली बार चुनाव जीत कर सोलन नगर परिषद के अध्यक्ष चुने गए। 1997 से वर्ष 2000 तक उन्होंने प्रदेश भाजपा कोषाध्यक्ष का कार्यभार भी संभाला। वर्ष 2000 में सोलन विस के उपचुनाव में पहली बार उन्हें भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने का मौका मिला और जीत हासिल की। इस दौरान उन्हें प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड का चेयरमैन भी बनाया गया। वर्ष 2003 में वे दूसरी बार तथा वर्ष 2007 में तीसरी बार सोलन के विधायक चुने गए और भाजपा में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण व आयुर्वेद विभाग के मंत्री बने। वर्ष 2012 में सोलन विधानसभा क्षेत्र की सीट आरक्षित होने के कारण पार्टी ने उन्हें नाहन से टिकट दिया और वे नाहन से विधायक चुने गए। वर्ष 2017 के चुनाव में नाहन विधानसभा क्षेत्र की जनता ने पांचवीं बार उन्हें जिता कर विधायक बनाया। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में वे हार गए थे।