हिमाचल प्रदेश में स्टेंडर्ड यूनिवर्सल कार्टन इसी सेब सीजन से प्रयोग में आ जाएगा। एचपीएमसी और हिमफेड यह कार्टन बागवानों को उपलब्ध कराएंगे। यह घोषणा बागवानी मंत्री नरेंद्र बरागटा ने गत दिवस विधानसभा में एक प्रश्न के उत्तर में दी।
बरागटा ने कहा कि सरकार राज्य में स्टेंडर्ड यूनिवर्सल कार्टन का प्रयोग बढ़ाने के लिए विभिन्न विकल्पों का परीक्षण कर रही है। इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ पैकेजिंग (आईआईपी) से कॉर्टन की गुणवत्ता और मानक निर्धारण के लिए सहायता ली जाएगी। उन्होंने कहा कि बागवानों को कार्टन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने निर्माताओं से बातचीत की है। स्टेंडर्ड यूनिवर्सल कार्टन को चरणबद्धरूप से लागू किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि स्टेंडर्ड यूनिवर्सल कार्टन लागू होने के बाद पेटियों में निर्धारित से अधिक मात्रा में सेब नहीं भरे जा सकेंगे। इस समय राज्य में गत्ते के जो कार्टन प्रचलित हैं, उनमें निर्धारित से पांच-छह किलोग्राम अधिक सेब भरे जा सकते हैं। आढ़तियों व व्यापारियों के प्रोत्साहन से व ढुलाई भाड़ा बचाने के लालच में बागवानों में भी पेटियों में निर्धारित से अधिक मात्रा में सेब भरने का प्रचलन बढ़ा है। हालांकि अंतत: बागवानों को इसका नुकसान ही उठाना पड़ता है और सेब की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है।
इसी सीजन से स्टेंडर्ड यूनिवर्सल कार्टन लागू करने की बागवानी मंत्री की घोषणा पर बागवानों ने खुशी व्यक्त की है। हिमाचल प्रदेश फल एवं सब्जी उत्पादक संघ के अध्यक्ष कमल नाथटा, संयोजक सीएल नेगी और महासचिव हरीश चौहान ने कहा कि स्टेंडर्ड यूनिवर्सल कार्टन लागू होने से प्रदेश के बागवानों को अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धा में लाभ होगा और सेब की गुणवत्ता भी सुरक्षित रहेगी।