Warning: substr_count(): Empty substring in /home2/himnefg6/public_html/wp-content/plugins/ads-for-wp/output/functions.php on line 1274
मंडी। हिमऊर्जा विभाग से द्रंग विधानसभा क्षेत्र में स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर बालथड़ और जरासंध मंदिर भमसोई के लिए जारी सोलर लाइटें बीच में ही कहीं गायब हो गई हैं। उपलब्ध दस्तावेज बताते हैं कि 13वें वित्तायोग की मद से पंचायत समितियों को विकास कार्यों के लिए मिलने वाली निधि से इन लाइटों के लिए 50 हजार रुपये की राशि मंजूर हुई थीं और गत जनवरी माह में हिमऊर्जा विभाग ने इन्हें पंचायत समिति को हैंडओवर भी कर दिया था, लेकिन लाइटें मंदिरों तक नहीं पहुंची और पता नहीं कहां खो गईं।
द्रंग विधानसभा क्षेत्र में टकोली पाली पंचायत की बीडीसी सदस्य रमा देवी के अनुसार उन्होंने उक्त मंदिरों में सोलर लाइटें लगाने के लिए 50 हजार रुपये की राशि स्वीकृत कराई थी। गत जनवरी माह में ये लाइटें हिमऊर्जा विभाग ने पंचायत समिति को हैंडओवर भी कर दी थी, मगर आज दिन तक ये वहां नहीं पहुंचीं। पंचायत समिति सदस्य रमा देवी ने इस बारे में गत 10 जुलाई को उपायुक्त मंडी को भी शिकायत पत्र दिया था और ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिल शर्मा को भी इसके बारे में बताया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब इन लाइटों को जमीन खा गई या आसमान निगल गया, किसी को नहीं मालूम। रमा देवी संबंधित सारे दस्तावेज लेकर लाइटों की पड़ताल कर रही हैं, लेकिन प्रशासन मौन बना हुआ है।
रमा देवी द्वारा उपलब्ध दस्तावेजों के अनुसार विकास खंड अधिकारी मंडी सदर ने 10 सितंबर 2012 को 12 पंचायतों के लिए सोलर लाइटों का मंजूरी पत्र परियोजना अधिकारी हिमऊर्जा को भेजा था, जिसमें कहा गया था कि इन पंचायतों को ये लाइटें उपलब्ध करवाई जाएं। इसके साथ ही विकास खंड अधिकारी ने 7 सितंबर 2012 को अपने पत्र संख्या 595—628 के तहत पंचायत समिति के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व संबंधित सदस्यों को पत्र लिख कर इसकी सूचना देते हुए यह भी आगाह किया था कि जहां के लिए ये लाइटें स्वीकृत हैं, वहीं लगाई जाएं तथा इसका प्रमाणपत्र भी जल्द प्रस्तुत किया जाए। इस पर हिमऊर्जा के परियोजना अधिकारी ने 14 जनवरी 2013 को टकोली पाली बीडीसी वार्ड के तहत गांव भमसोई के जरासंध मंदिर और बालथड़ के लक्ष्मी नारायण मंदिर को सोलर लाइटें, जिनका ल्यूमीनेरी नंबर 9216 व 9167 तथा बैटरी नंबर 11653 व 111856 था, अध्यक्ष पंचायत समिति मंडी सदर को हैंडओवर दीं। मगर उसके बाद ये लाइटें पता नहीं कहां गायब हो गईं।
रमा देवी के अनुसार वे इन लाइटों के संबंध में प्रशासन से कई बार शिकायतें कर चुकी हैं, मगर कोई सुनवाई नहीं हो रही। रमा देवी कहती हैं कि ग्रामीण विकास के लिए आ रहे धन का धरातल पर किस तरह दुरुपयोग होता है, ये सोलर लाइटें इसका ज्वलंत उदाहरण हैं।