लखनऊ। सोशल मीडिया में यह प्रश्न बार-बार उठाया जा रहा है कि- क्या वाराणसी संसदीय क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीत
इस लोकसभा सीट से नरेन्द्र मोदी ने आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल को 3 लाख 71 हजार 784 मतों से हराया था। तीसरे नंबर पर कांग्रेस उम्मीदवार अजय राय (75 हजार 614 वोट), चौथे नंबर पर बहुजन समाज पार्टी के विजय प्रकाश जायसवाल (60 हजार 579 वोट) और पांचवें पर समाजवादी पार्टी के कैलाश चौरसिया (45 हजार 291 वोट) रहे थे।
चुनाव आयोग के निर्देश पर वाराणसी में जिला प्रशासन ने मतदाता सूची का पुनरीक्षण अभियान शुरू किया गया है। बूथ स्तर पर अधिकारी घर- घर जाकर मतदाता सूची की पड़ताल करने में जुटे हुए हैं। इसी जांच में लाखों मतदाता अपने पते पर नहीं मिले।
बुधवार के दिन जब बड़ी संख्या में फर्जी मतदाताओं की भनक आम आदमी पार्टी के कानों तक पहुंची तो उसने यह सनसनीखेज खबर फेसबुक पर डाल दी। वाराणसी में 3 लाख से ज्यादा फर्जी वोटरों की पोस्ट डलते ही सोशल मीडिया पर नरेन्द्र मोदी के विरुद्ध तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आनी शुरु हो गईं।
हालांकि प्रतिक्रिया में कुछ लोगों का यह भी कहना था कि जब मतदाता सूचियां तैयार हुई थीं, उस समय केंद्र में यूपीए सरकार थी, इसलिए इस कार्यमें भाजपा की कोई भूमिका नहीं हो सकती। लेकिन बड़ी संख्या में लोगों का यह भी कहना है कि किन्हीं तत्वों ने संबंधित अधिकारियों को खरीद कर उनसे मोदी को जिताने के लिए यह अनैतिक कार्य करवाया है। इसमें दिलचस्प बात यह है कि सोशल मीडिया में यह खबर पिछले दो दिनों से छाई हुई है, लेकिन अभी तक किसी भी राष्ट्रीय चैनल ने इसे स्थान नहीं दिया गया।
उधर वाराणसी जिला प्रशासन ने यह कहकर और भी चौंका दिया है कि फर्जी वोटरों की संख्या में इजाफा भी हो सकता है। फर्जी वोटरों में अधिकांश वे मतदाता हैं, जिन्होंने मतदाता सूची में दो स्थानों पर अपना नाम लिखवा रखा है। चुनाव आयोग ने अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है।