शिमला। सीपीआईएम और सीटू के वरिष्ठ नेता राकेश सिंघा पर किन्नौर में जानलेवा हमला होने की खबर है। मामला
राकेश सिंघा ने कुमारसैन थाना में दर्ज शिकायत में आरोप लगाया है कि शनिवार को बहरा खड्ड के पास जेपी कंपनी की तेज रफ्तार स्कॉर्पियो जीप (एचपी-26 ए-0594) ने उनकी गाड़ी को टक्कर मार कर जानलेवा हमला किया। पुलिस ने जेपी कंपनी के जीप चालक के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
सिंघा ने बताया कि शनिवार सुबह वे बिथल से किन्नौर की ओर जा रहे थे। बहरा खड्ड में एक पिकअप जीप खड़ी थी। उन्होंने हॉर्न बजाया मगर प्रतिक्रिया न मिलने पर वे अपनी गाड़ी से बाहर निकलने लगे। ठीक उसी समय जेपी कंपनी की तेज रफ्तार स्कॉर्पियो जीप (एचपी-26 ए-0594) उन्हे व उनकी गाड़ी को जोर से धक्का मारते हुए आगे निकली और वे बाल-बाल बचे। उन्होंने आरोप लगाया कि चालक की मंशा उन्हें वाहन के नीचे दबाने की थी, लेकिन वे तुरंत गाड़ी के भीतर चले गए। उन्होंने बताया कि इस जीप के साथ एक अन्य गाड़ी (एचपी-26ए-1179) भी चल रही थी। दोनों वाहन उनका पीछा करते हुए ही वहां पहुंचे थे।
सिंघा ने अपने बयान में कहा कि हादसे के समय जेपी कंपनी की जीप में हिमाचल पुलिस का एक जवान भी था, जिससे जाहिर है कि कंपनी की मनमानी व गलत कार्यों को सरकार का भी समर्थन प्राप्त है। कुमारसेन थाना प्रभारी राजेंद्र सिंह ने बताया कि जेपी कंपनी के जीप चालक नगेंद्र सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में शिमला में छात्र संगठन एसएफआई के विधानसभा घेराव के दौरान हुए लाठीचार्ज के समय भी पुलिस ने सीपीआईएम के कार्यालय में धावा बोल कर वहां तोड़फोड़ की थी। इस मामले में सीपीआईएम और प्रदेश सरकार पहले से ही आमने- सामने हैं।
राकेश सिंघा आरोप लगाते रहे हैं कि कड़छम वांगतू परियोजना के मजदूरों के आंदोलन को कुचलने के लिए जेपी कंपनी को वीरभद्र सरकार का पूरा सहयोग प्राप्त है। हाल ही में पत्रकार वार्ता कर सिंघा ने यह तक आरोप लगाया है कि उनके हाथ जेपी कंपनी और मुख्यमंत्री कार्यालय के मध्य हुई कथित भ्रष्टतम साठगांठ के कागजात भी लगे हैं तथा कुछ और दस्तावेज मिलते ही वे इस साठगांठ का भंडाफोड़ करेंगे।
राकेश सिंघा पर हुए कथित जानलेवा हमले के रोष में सीपीआईएम और सीटू के कार्यकर्ताओं ने दोपहरबाद राजधानी शिमला और जोगिंद्रनगर सहित विभिन्न क्षेत्रों में जोरदार प्रदर्शन किया और सरकार से को चेतावनी दी कि मामले की यदि तुरंत उचित जांच नहीं हुई तो आंदोलन को पूरे प्रदेश में फैला दिया जाएगा।