शिमला। राजधानी शिमला में एक और राष्ट्रीय धरोहर गॉर्टन कैसल मंगलवार प्रातः आग की भेंट चढ़ गई।
ऐतिहासिक गार्टन कैसल में सुबह लगभग चार बजे आग भड़कने का पता लोगों को लगा और देखते ही देखते आग ने रौद्र रूप धारण कर लिया। कार्यालय का सारा रिकार्ड सबसे ऊपर की मंजिल पर था, जो सारा का सारा जल कर राख हो गया है। समाचार लिखने तक अग्निशमन विभाग और सेना की एक दर्जन से अधिक दमकलें आग पर काबू पाने की कोशिश कर रही हैं। प्रयास किया जा रहा है कि इस विशालकाय इमारत का कुछ हिस्सा को अवश्य बचा लिया जाए। प्रदेश सरकार ने वर्ष 2003 में इस बिल्डिंग को राष्ट्रीय धरोहर का दर्जा दिया था।
ब्रिटिश शासनकाल में इंजीनियर मेजर एचएफ चेजनी ने इस बिल्डिंग का निर्माण वर्ष 1901 से 1904 के बीच किया था। इसमें ब्रिटिश सरकार का इंपीरियल सिविल सेक्रेटेरिएट स्थापित किया गया था। गोथिक शैली व राजस्थानी वास्तु शैली के संगम से पत्थरों से बनी ये भव्य इमारत वास्तु कला का एक बेहतरीन नमूना थी। आजादी के बाद वर्ष 1950 में पंजाब एजी आफिस, जो पहले लाहौर में था, को इस इमारत में शिफ्ट किया गया था। उसके बाद नवंबर 1996 में इसे पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ व हिमाचल का एजी आफिस बनाया गया और 1 अप्रैल 1969 को यहां पर हिमाचल का एजी आफिस अलग से स्थापित हो गया। दुख की बात है कि मंगलवार को यह ऐतिहासिक एवं वैभव इमारत आग की भेंट चढ़ गई। अंग्रेजों द्वारा बसाए गए शिमला शहर में पिछले कुछ वर्षों में एक-एक कर ऐतिहासिक भवन आग की भेंट चढ़ते आ रहे हैं। इस सूची में अब गार्टन कैसल का नाम भी जुड़ गया है।