शिमला। केंद्रीय छात्र संघ के चुनावों में राजधानी शिमला में वामपंथी छात्र संगठन एसएफआई ने एक बार फिर से शानदार जीत दर्ज की, जबकि प्रदेश भर में
प्रदेश में जिन 95 कालेजों में मतदान हुआ, उनकी कुल 380 सीटों में से 178 सीटों पर एबीवीपी, 101 सीटों पर एनसयूआई और 68 सीटों पर एसएफआई ने जीत दर्ज की है, जबकि 31 सीटों पर अन्य प्रत्याशी विजयी हुए हैं। एक सीट पर एसएफआई और एनएसयूआई में टाई हुआ।
चौंकाने वाली बात यह रही कि एसएफआई ने इस बार राजधानी के साथ-साथ पूरे शिमला जिले में ही प्रतिद्वंद्वी छात्र संगठनों को करारी शिकस्त दी।
जिले में केंद्रीय छात्र संगठन की कुल 60 सीटों में से 30 सीटें एसएफआई ने जीती हैं, जबकि 17 सीटें एबीवीपी और 12 एनएसयूआई के खाते में गईं। एक सीट पर एसएफआई और एनएसयूआई में टाई हुआ।
शिमला जिले के अन्य कालेजों में रामपुर, डीएवी कोटखाई और संस्कृत कालेज क्यार्टू व तुंगिश में एसएफआई ने दबदबा बनाया, जबकि ठियोग, जुब्बल-कोटखाई और नेरवा में एबीवीपी तथा पीजी कालेज सीमा, संस्कृत कालेज जांगला और सुन्नी में एनएसयूआई ने बढ़त दर्ज की।
विधानसभा चुनाव के ठीक पहले हुए छात्र संघ के इन चुनावों को काफी अहम माना जा रहा है। इससे पूर्व नगर निगम शिमला के चुनाव में भी वामपंथी दल माकपा ने शानदार जीत दर्ज कर निगम पर कब्जा जमाया है। अब छात्र संघ के चुनावों में शिमला जिले में माकपा से संबंधित छात्र संगठन एसएफआई की जीत कांग्रेस और भाजपा के लिए खतरे का संकेत है। उल्लेखनीय है कि इस बार माकपा शिमला जिले की कुल 8 में से चार सीटों- शिमला शहरी, शिमला ग्रामीण, कसुम्पटी और ठियोग पर अपने प्रत्याशी उतार रही है।
राजधानी सहित पूरे शिमला जिले में लाल सलाम
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