शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में प्रस्तुत ताजा आर्थिक सर्वेक्षण में भी खुलासा हो गया है कि राज्य में खेतीबाड़ी
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की ओर से अधिकृत आईपीएच मंत्री विद्या स्टोक्स ने मंगलवार को सदन में आर्थिक सर्वेक्षण 2014-15 की रिपोर्ट रखी। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2000-01 में कृषि क्षेत्र का प्रदेश की कुल आय में योगदान 21.1 प्रतिशत था, जो वर्ष 2013-14 में घट कर 14.25 प्रतिशत रह गया है। कृषि क्षेत्र में कृषि, बागवानी और पशुपालन शामिल होते हैं। कृषि से वर्ष 2013-14 में 6,594 करोड़ रुपये की आमदनी हुई थी।
वर्ष 2013-14 में राज्य का सकल घरेलु उत्पाद बढ़कर 85, 841 करोड़ का हो गया है। आगामी अनुमानों के अनुसार वर्ष 2014 -15 में राज्य का सकल घरेलु उत्पाद 95,587 करोड़ होने की उम्मीद है। वर्ष 2012-13 में खाद्यानों का उत्पादन 15.41 लाख मीट्रिक टन की तुलना में वर्ष 2013-14 में 15.76 लाख मीट्रिक टन रहा। इसमें मात्र 2.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी है। वर्ष 2014-15 में 16.20 लाख मीट्रिक टन पैदावार होने की संभावना है। बढ़ोतरी की यह रफ्तार बहुत कम एवं चिंताजनक है।
किसान सभा के महासचिव कुलदीर सिंह तंवर का कहना है कि प्रदेश व केंद्र सरकार ने यदि बंदरों के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को नहीं हटाया और कृषि उत्पादों के विपणन के लिए ठोस व्यवस्था नहीं की तो यहां किसानी पूरी तरह खतरे में पड़ जाएगी। प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिए यह खतरे का संकेत है।
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