प्रदेश में टिकट आवंटन के अंतिम दौर में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार के तेवर फिर से तल्ख हो गए हैं। वे अपने गृह जिला कांगड़ा में
शांता कुमार ने एक बयान में कहा- आज टिकट पाने के लिए राजनेता न केवल नियमों की अनदेखी कर रहे हैं, बल्कि ईमानदारी और शालीनता को भी ताक पर रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि यही हालत बनी रही तो वह दिन दूर नहीं हैं जब इन नेताओं का जनता में स्वतंत्र रूप से घूमना भी मुश्किल हो जाएगा। जनता का राजनीति पर से विश्वास उठता जा रहा है।
आईपीएच मंत्री रविंद्र रवि का नाम लिए बिना शांता कुमार ने कहा कि वे 20 साल से विधायक और मंत्री रहे। आज टिकट के लिए वे इतने व्याकुल हैं कि ओछी राजनीति पर उतर आए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग पार्टी में नए कार्यकर्ताओं की भ्रूण हत्या कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस नेता ने उनके खिलाफ हाईकोर्ट में एक ऐसे व्यक्ति से केस करवा दिया, जो खुद यौन शोषण जैसे गंभीर आरोप झेल रहा है और इस समय जमानत पर है।
शांता कुमार ने कहा कि पार्टी के लिए लाखों कार्यकर्ताओं ने कड़ी मेहनत की है और जेलों में भी यातनाएं सही हैं। लेकिन ऐसे कार्यकर्ताओं को पार्टी के पदों तक जाने का मौका नहीं दिया जा रहा।
कांगड़ा जिला में शांता कुमार के लिए रविंद्र सिंह रवि एक बड़ी चुनौती बनते जा रहा हैं। उनका थुरल विधानसभा क्षेत्र पुनर्सीमांकन में समाप्त हो जाने के कारण मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ज्वालामुखी में शांता समर्थक खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रमेश धवाला के स्थान पर उन्हें (रविंद्र रवि को) टिकट देना चाहते हैं। इसी प्रकार कुछ और विस क्षेत्रों में भी शांता समर्थकों को टिकट के लिए चुनौती मिल रही है।
टिकट आवंटन के अंतिम दौर में शांता के तेवर तल्ख
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