राजधानी शिमला के पांच महाविद्यालयों में से आरकेएमवी और इवनिंग कालेज में एसएफआई ने क्लीन स्वीप किया, जबकि संस्कृत कालेज में भी अध्यक्ष पद एसएफआई के काते में गया। इसके अतिरिक्त कोटशेरा विद्यालय में विद्यार्थी परिषद और संजौली कालेज में एनएसयूआई के पूरे पैनज जीते। विद्यार्थी परिषद ने संस्कृत कालेज में उपाध्यक्ष, महासचिव और सहसचिव पदों पर भी जीत दर्ज की।
प्रदेश के डिग्री कालेजों में एनएसयूआई को सबसे ज्यादा 166 सीटें मिली हैं, जबकि एबीवीपी 133 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही। एसएफआई को कालेजों में मात्र 53 सीटें मिली, जबकि 13 सीटें अन्यों के खाते में गई हैं। एनएसयूआई ने सोलन, शिमला, ऊना, चंबा और कांगड़ा जिलों में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है। ऊना में तो एनएसयूआई ने कुल 28 में से 22 सीटें जीत लीं, जबकि एबीवीपी को मात्र चार सीटों से ही संतोष करना पड़ा। बिलासपुर और सोलन जिलों में एनएसयूआई और एबीवीपी में कांटे की टक्कर रही। दोनों जिलों में उनकी सीटें बराबर रहीं। हमीरपुर जिले में एसएफआई ने सबसे ज्याजा सीटें जीती हैं।
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