- शिमला। हिमाचल प्रदेश में हुए केंद्रीय छात्र संघ के चुनावों में राजधानी शिमला में इस बार भी वाम छात्र संगठन एसएफआई का जलवा बरकरार रहा, जबकि पूरे प्रदेश में एनएसयूआई प्रथम और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद दूसरे स्थान पर रही। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में एसएफआई ने क्लीन स्वीप किया। एससीएस की चारों सीटों- अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव और संयुक्त सचिव पदों पर एसएफआई ने भारी बढ़त के साथ जीत दर्ज की। यहां एसएफआई का सीधा मुकाबला विद्यार्थी परिषद के प्रत्याशियों के साथ हुआ। एनएसयूआई सभी सीटों पर तीसरे स्थान पर रही। विश्वविद्यालय में एसएफआई के राजन हारटा अध्यक्ष, गोपाल सिंह उपाध्यक्ष, पीयूष सेवल महासिचव और मोनिका ढड्डा संयुक्त सचिव चुने गए। यहां विभागीय प्रतिनिधियों में 23 प्रतिनिधि एसएफआई के और 20 एबीवीपी के जीते, जबकि एनएसयूआई के खाते में एक सीट गई और एक प्रतिनिधि आजाद उम्मीदवार के रूप में जीता।
राजधानी शिमला के पांच महाविद्यालयों में से आरकेएमवी और इवनिंग कालेज में एसएफआई ने क्लीन स्वीप किया, जबकि संस्कृत कालेज में भी अध्यक्ष पद एसएफआई के काते में गया। इसके अतिरिक्त कोटशेरा विद्यालय में विद्यार्थी परिषद और संजौली कालेज में एनएसयूआई के पूरे पैनज जीते। विद्यार्थी परिषद ने संस्कृत कालेज में उपाध्यक्ष, महासचिव और सहसचिव पदों पर भी जीत दर्ज की।
प्रदेश के डिग्री कालेजों में एनएसयूआई को सबसे ज्यादा 166 सीटें मिली हैं, जबकि एबीवीपी 133 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही। एसएफआई को कालेजों में मात्र 53 सीटें मिली, जबकि 13 सीटें अन्यों के खाते में गई हैं। एनएसयूआई ने सोलन, शिमला, ऊना, चंबा और कांगड़ा जिलों में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है। ऊना में तो एनएसयूआई ने कुल 28 में से 22 सीटें जीत लीं, जबकि एबीवीपी को मात्र चार सीटों से ही संतोष करना पड़ा। बिलासपुर और सोलन जिलों में एनएसयूआई और एबीवीपी में कांटे की टक्कर रही। दोनों जिलों में उनकी सीटें बराबर रहीं। हमीरपुर जिले में एसएफआई ने सबसे ज्याजा सीटें जीती हैं।