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प्रणब मुखर्जी मिस्टर प्रेजिडेंट!

नई दिल्ली। सत्तारूढ़ गठबंधन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) ने आखिरकार मौजूदा वित्तमंत्री और वरिष्ठ राजनीतिज्ञ प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति पद के लिए अपना अधिकृत उम्मीदवार घोषित कर दिया। पिछले कई दिनों से चल रही राजनीतिक खींचतान और बयानबाजियों को विराम देते हुए यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने प्रणब मुखर्जी को अधिकृत उम्मीदवार घोषित किया। उन्होंने कहा कि वे सभी संसद सदस्यों और विधानसभाओं के सभी सदस्यों से अपील करती हैं कि वे प्रणब मुखर्जी को अपना समर्थन दें।

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इस निर्णय के बाद प्रणब मुखर्जी ने पत्रकारों से कहा, ”मेरी पार्टी और यूपीए-2 की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए मुझे उम्मीदवार चुना गया है। मैं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का आभार व्यक्त करता हूं और इस निर्णय को विनम्रता पू्र्वक स्वीकार करता हूं।”
हालांकि अभी भी एक बड़ा सवाल ये है कि एपीजे अब्दुल कलाम की उम्मीदवारी पर अड़ी ममता बनर्जी का क्या होगा, क्योंकि उनकी तृणमूल कांग्रेस यूपीए की अहम सहयोगी पार्टी है। ममता बनर्जी दावा करती रही हैं कि मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी उनके साथ हैं, लेकिन समाजवादी पार्टी ने प्रणब मुखर्जी को समर्थन देने की घोषणा कर दी है।
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर नाटकीय राजनीतिक घटनाक्रम की शुरुआत गत मंगलवार से हुई जब ममता बनर्जी दिल्ली पहुंचीं और आते ही मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की। ममता बनर्जी ने जिस तरह से प्रणब और अंसारी के नामों पर बात की उससे कांग्रेस नाराज थी। इसके बाद बुधवार को सोनिया गांधी से मिलने के बाद ममता बनर्जी ने घोषणा कर दी कि कांग्रेस की ओर से प्रणब मुखर्जी पहले और हामिद अंसारी दूसरी पसंद हैं। इसके बाद वे एक बार फिर मुलायम सिंह से मिलीं और फिर शाम को दोनों नेताओं ने अपनी ओर से तीन नामों की घोषणा कर दी। इनमें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का नाम था।
अगली सुबह कांग्रेस ने ममता-मुलायम के तीनों नामों को खारिज कर दिया और कहा कि यूपीए की ओर से जल्दी ही अधिकृत उम्मीदवार की घोषणा की जाएगी। लगभग विद्रोही तेवरों के साथ ममता बनर्जी शुक्रवार की सुबह तक एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर अड़ी हुईं थीं, लेकिन समाजवादी पार्टी ने संकेत दे दिए थे कि वह आवश्यकता पडऩे पर कांग्रेस के साथ आ सकती है। और ऐसा हुआ भी। यूपीए की ओर से प्रणब का नाम घोषित किए जाने के बाद मुलायम सिंह यादव ने प्रणब मुखर्जी को समर्थन देने की घोषणा कर दी। ममता बनर्जी का साथ छूट जाने पर मुलायम सिंह ने कहा कि ये अब बीती बात हो गई है। बहुजन समाज पार्टी ने भी प्रणब मुखर्जी को समर्थन देने की घोषणा की है। मायावती ने लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फेंस में कहा, ”हमने राष्ट्रपति पद के लिए आए सभी नामों पर विचार किया। इसमें से प्रणब मुखर्जी को हमारी पार्टी ने सबसे योग्य और गंभीर उम्मीदवार माना है और हमने प्रणब मुखर्जी का समर्थन करने का फैसला किया है।”
वामपंथी दलों ने भी प्रणब मुखर्जी को समर्थन देने की घोषणा कर दी है। सूत्रों के अनुसार एनडीए के कुछ घटक दलों ने भी संकेत दिए हैं कि वे प्रणव मुखर्जी को राष्ट्रपति के रूप में देखना पसंद करेंगे। ऐसे में यह लगभग तय माना जा रहा है कि प्रणव मुखर्जी की राष्ट्र पति के रूप में ताजपोशी हो जाएगी।
हिम न्यूज़पोस्ट.कॉम

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