शिमला। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के राष्ट्रीय महासचिव प्रकाश करात 16 दिसंबर को कैथू में पार्टी के नव निर्मित
माकपा के प्रदेश सचिव राकेश सिंघा ने यह जानकारी शुक्रवार को पार्टी कार्यालय में रैली की तैयारियों का जायजा लेने के बाद मीडिया को जारी एक बयान में दी। उन्होंने कहा कि माकपा के तीन दिवसीय राज्य सम्मेलन को एक उत्सव की तरह मनाया जा रहा है, जिसमें राजनीतिक, विचारधारात्मक, सांगठनिक तथा भावी संघर्षों को लेकर चर्चाओं के साथ- साथ गायन, नृत्य, एकल नाटक एवं नुक्कड़ नाटकों के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।
माकपा नेता ने कहा कि केंद्र सरकार के छह माह के कार्यकाल में ही भाजपा का सांप्रदायिक चेहरा बेनकाब हो गया है। आम मेहनतकश जनता के हितों की रक्षा और विकास का नारा देकर सत्ता में आई मोदी सरकार अब सांप्रदायिकता की चादर ओढ़कर जनता से मुंह छिपा रही है। जिन पूंजावादी ताकतों ने संसदीय चुनाव ‘मैनेज’ कर मोदी के सिर पर प्रधानमंत्री का ताज रखा है वे अब दिल खोलकर मुनाफा वलूसी कर रहे हैं। उन्हें धड़ाधड़ असुरक्षित ऋण बांटे जा रहे हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप से भारतीय स्टेट बैंक ने अडानी को 6500 करोड़ रुपये का ऋण दे दिया। दूसरी ओर क्रूड ऑयल की कीमतों में भारी गिरावट का लाभ आम जनता तक नहीं पहुंचने दिया जा रहा है। ऐसे में जनता स्वयं को ठगा हुआ महसूस कर रही है।
राकेश सिंघा ने कहा कि पूंजीवाद के आर्थिक संकट को आम गरीब जनता पर बोझ डाल कर हल करने की कोशिश की जा रही है। गरीब जनता के लिए शुरू की गई मनरेगा जैसी योजनाओं के बजट में भारी कटौती की जा रही है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने बड़े कारपोरेट घरानों को पूरे देश को ही विशेष आर्थिक जोन (एसईजेड) में बदलने का आश्वासन दे रखा है, जिसमें कामगारों के अधिकारों को न्यूनतम कर दिया जाता है। सरकार ने श्रम कानूनों में मनमाने फेरबदल से इसकी शुरूआत भी कर दी है। देश की मेहनतकश जनता के लिए यह एक बड़े खतरे का संकेत है।
माकपा नेता ने कहा कि भाजपा- कांग्रेस की नवउदावादी नीतियों की आंच से हिमाचल प्रदेश भी अछूता नहीं रह गया है। यहां भी लाखों उपभोक्ताओं को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लाभ से बाहर करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। दालों और तेल पर सबसिडी घटाई जा रही है। जनता के भारी विरोध के बावजूद कुकिंग गैस की सबसिडी उपभोक्ताओं के खाते में डालने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जबकि पूर्व कांग्रेस सरकार के समय भी यह प्रणाली पूरी तरह विफल हुई थी। उस समय भाजपा ने भी इसका विरोध किया था, लेकिन अब सत्ता में आने पर वही नीति अपनाई जा रही है। माकपा नेता ने कहा कि वास्तव में यह सारी कसरत जनता को सबसिडी के लाभ से वंचित करने के लिए ही है। इसके दुष्परिणाम शीघ्र ही सामने आ जाएंगे।