बद्दी। कांग्रेस के प्रदेश महासचिव एवं दून से पार्टी प्रत्याशी चौ.राम कुमार ने कहा है कि भाजपा प्रत्याशी विनोद चंदेल और अन्य प्रत्याशी आए
चौ.राम कुमार ने शनिवार को यहां पहाड़ी पंचायतों- दाड़वा, कुठाड़, जाडला व गांगूड़ी का तूफानी दौरान किया और अनेक नुक्कड़ जनसभाओं को संबोधित किया। उन्होंने मीडिया को बताया कि यहां कांग्रेस ने चुनाव प्रचार में बाजी मारते हुए अपने पहले दो चरण सफलता पूर्वक पूरे कर लिए हैं, जबकि भाजपा और अन्य प्रत्याशी चुनाव प्रचार में उनसे कोसों दूर हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान जिस तरह से कांग्रेस को समर्थन मिल रहा है, उससे साफ झलक रहा है कि भाजपा का मिशन रिपीट हर हाल में मिशन डिलीट में बदल जाएगा।
चौ. राम कुमार ने कहा कि स्थानीय विधायक विनोद चंदेल आए दिन राग अलापती रहती हैं कि दून का चहुंमुखी विकास हुआ और यहां विकास की गंगा बही है, जबकि हकीकत इससे बिल्कुल विपरीत है। चौधरी ने कहा कि विकास के मुद्दे पर वे विनोद चंदेल से किसी भी मंच पर खुली बहस के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि अगर टूटी सड़कें, खस्ता हाल पुल, पानी और बिजली की किल्लत, बेलगाम प्रशासन, कबाडिय़ों व ठेकेदारों का माफिया राज और बढ़ती बेरोजगारी ही विकास है तो दून की जनता ऐसे विकास को ठोकर मारती है। उन्होंने कहा कि झूठे वायदों और कोरे आश्वासनों से जनता तंग आ चुकी है और अब बदलाव के मूड में हंै। इस दौरान दाड़वा पंचायत के सदाराम, श्याम लाल, पत्ती राम और धर्म सिंह ने भाजपा छोड़ कर कांग्रेस का दामन थामने की घोषणा भी की।
चुनाव प्रचार के दौरान उनके साथ पट्टा बाडियां के प्रधान चेतराम, उपप्रधान संजीव कंवर, पूर्व प्रधान वासुदेव व शंकर लाल, पूर्व उपप्रधान आशीष सोनु, ब्लाक कांग्रेस सचिव नागेंद्र काकु, सदस्य नरेंद्र ठाकुर, चंडी के उप प्रधान बलवंत ठाकुर, पूर्व बीडीसी दाड़वा गुरूदत, पूर्व उपप्रधान भुपिंद्र शर्मा, चंडी के पूर्व प्रधान जगत राम, रिटायर्ड वीपीओ चेत राम, पूर्व प्रधान गागूड़ी लच्छी राम, उपप्रधान राकेश शर्मा, राम चंद दाड़वा, पंच दिनेश, उपप्रधान दाड़वा श्याम लाल, वार्ड पंच सतपाल, वार्ड पंच हरनाम तोमर, पदमदेव, श्यामलाल जतरोप, वार्ड पंच सतपाल, बीडीसी हरिदत्त, विपिन कुमार, पूर्व वार्ड पंच बाबू राम, वार्ड पंच सुदेश शर्मा, वार्ड पंच चंपा देवी सुनीता देवी, पूर्व प्रधान रामकू देवी, नरेश, पवन, प्रकाश खोजी, बबली, गौरव और अश्वनी आदि समेत अनेक लोग उपस्थित थे।
‘राजनीति विरासत में नहीं मिली, मेहनत की है’
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