करसोग (मंडी)। गांवों में साथ लगते जंगल से अपनी जरूरत के लिए लकड़ी काटना प्रतिबंधित है, अपनी मिलकीयत से वृक्ष
करसोग उपमंडल अधिकारी के कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने पत्रकारों को बताया कि शुक्रवार को शमशानघाट में शवदाह के लिए लकड़ी नहीं मिल पाई तो वे करसोग में वन निगम के डिपो पर गए, लेकिन वहां भी लकड़ी नहीं मिली। इसके बाद लोगों ने किसी तरह लकड़ी का जुगाड़ कर शव का दाह संस्कार किया।
प्रदर्शनकारियों- ओम प्रकाश, नरेंद्र सिंह, भगवान दास और पितांबर लाल आदि ने बताया कि शव जलाने के लिए उन्हें घरों से लकड़ी मांग कर काम चलाना पड़ा। डिपो में पिछले एक सप्ताह से लकड़ी उपलब्ध नहीं कराई जा रही है, जिस कारण छह- सात पंचायतों के लोगों को भारी दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है।
शुक्रवार को गुस्साए ग्रामीण शमशान घाट से सीधे एसडीएम कार्यालय पहुंचे और वहां विरोध-प्रदर्शन शुरू किया। उन्होंने एसडीएम को ज्ञापन सौंप कर इस मामले पर तुरंत जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। ग्रामीणों का कहना था कि जंगल से लकड़ी काटने पर पूर्ण पाबंदी है। ऐसे में जरूरत पड़ने पर वे जाएं तो कहां जाएं। एसडीएम विवेक चौहान ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि भविष्य में इस तरह की घटना नहीं होने दी जाएगी।
वन निगम सुंदरनगर के मंडलीय प्रबंधक अजीत कुमार ठाकुर ने पूछने पर बताया कि करसोग डिपो में तीस क्विंटल लकड़ी उपलब्ध है। संभवतः डिपो में तैनात कर्मचारियों के गैरहाजिर रहने के कारण यह शिकायत आई है। उन्होंने कहा कि ड्यूटी में कोताही बरतने वाले कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
उधर, स्थानीय विधायक एवं सीपीएस मनसा राम ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा कि गैर जिम्मेदार कर्मचारियों की वजह से आम जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।