धर्मशाला। दशकों से पठानकोट- जोगिंद्रनगर ट्रैक को ब्रॉडगेज करने के सरकारों/ नेताओं के वादों/ दावों की श्रृंखला का अंत ऐसा होगा, प्रदेशवासियों ने शायद इसकी कल्पना भी नहीं की होगी। केंद्रीय रेलमंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को दो टूक कह दिया कि पठानकोट- जोगिंद्रनगर और कालका- शिमला ट्रैक नैरोगेज ही रहेंगे। इन्हें ब्रॉडगेज नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ये दोनों ट्रैक देश की धरोहर हैं। इसलिए इनके साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी।
कालका- शिमला को ब्रॉडगेज करने का तो कोई मुद्दा था ही नहीं। ना इसकी कोई मांग कर रहा था, लेकिन पठानकोट- जोगिंद्रनगर ट्रैक को ब्रॉडगेज करने की लोगों की मांग लंबे समय से रही है ताकि व्यापारियों, कारोबारियों को माल ढुलाई में सुविधा हो सके। इससे क्षेत्र में अनेक नए उद्योग लगने की भी संभावना थी। सरकारें बार- बार इसे लेकर घोषणाएं करती रहीं। इसके लिए सर्वेक्षण भी कराए गए, लेकिन अंत में खोदा पहाड़ निकली चुहिया।
रेलमंत्री ने रविवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ जोगिंद्रनगर से कांगड़ा तक रेल ट्रैक का हवाई जायजा भी लिया। लोगों को उम्मीद थी कि रेल मंत्री हिमाचल में रेलवे को लेकर कोई बड़ी घोषणा करेंगे, लेकिन उन्होंने धर्मशाला में मुख्यमंत्री की उपस्थिति में प्रेसवार्ता में जब साफ कह दिया कि यहां दोनों ट्रैक नैरोगेज ही रहेंगे, इन्हें ब्रॉडगेज नहीं किया जाएगा तो सब हैरान रह गए।
हालांकि उन्होंने कहा कि दोनों ट्रैक का विस्तारीकरण किया जाएगा, इनकी पटरियां बदली जाएंगी ताकि रेल की स्पीड बढ़ाई जा सके। इस समय दोनों ट्रैक में रेलगाड़ी की स्पीड 20 से 22 किलोमीटर प्रतिघंटा है, जिसे पहले चरण में 35 किलोमीटर प्रतिघंटा करने की योजना है। कुछ नई गाड़ियां चलाने का भी आश्वासन दिया गया।
रेलमंत्री ने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण इन ट्रैकों पर पूर्व सरकारों ने कोई काम नहीं किया। दोनों ट्रैक अंग्रेजों ने बनाए थे। आजादी के बाद इन पर कोई काम नहीं हुआ।