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हिमाचल प्रदेश

राष्ट्रीस प्रेस दिवसः  मीडिया के समक्ष चुनौतियों पर गहन मंथन

शिमला।  राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर यहां मंगलवार को आयोजित राज्यस्तरीय कार्यक्रम में मीडिया के समक्ष तमाम चुनौतियों, घटती विश्वसनीयता और इसकी लोकतंत्र में भूमिका पर गहन विचारमंथन किया गया। सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का विष्य था- ‘कौन मीडिया से नहीं डरता’

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। कार्यक्रम की अध्यक्षता सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव जेसी शर्मा ने की।

अपने अध्यक्षीय भाषण में उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में प्रेस एक महत्वपूर्ण स्तम्भ की भूमिका निभा रहा है। मीडिया को अपनी क्षमता में लगातार विस्तार करना चाहिए ताकि वह लोकतांत्रिक व्यवस्था के संचालन में कुशलतापूर्वक योगदान दे सके। इसके अतिरिक्त, मीडिया को समाज में सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाए रखने के लिए जनता को तथ्यों पर आधारित सही जानकारी उपलब्ध करवानी चाहिए ताकि जनता असामाजिक तत्वों के झूठे प्रचार का शिकार होने से बच सके।

उन्होंने कहा कि जनता की राय बनाने के लिए रचनात्मक आलोचना आवश्यक है। इससे सरकार को लोगों की प्रतिक्रिया हासिल करने में भी सहायता मिलती है। उन्होंने कहा कि समाज में सूचना के अधिकार की बहुत महत्वपूर्ण और रचनात्मक भूमिका है, लेकिन कई बार कुछ लोग अपने निजी स्वार्थों के लिए इसका दुरुपयोग करते हैं। इसलिए आवश्यक है कि आरटीआई के माध्यम से एकत्र की गई जानकारी पर आधारित रिपोर्टिंग करने से पहले इससे सम्बन्धित नकारात्मक और सकारात्मक पहलुओं पर किया जाए ताकि समाज को किसी प्रकार की क्षति न हो।

वरिष्ठ पत्रकार पीसी लोहमी ने कहा कि मीडियाकर्मियों के लिए आत्मविवेचन का यह सही समय है कि खासकर ऐसे दौर में जब पिछले लगभग तीन दशकों से मीडिया की विश्वसनीयता में कमी आई है। व्यापक विस्तार और बेहतर सुविधाओं की उपलब्धता के बावजूद समाज में मीडिया का प्रभाव कम हो रहा है और इसने एक व्यवसाय का रूप ले लिया है। इससे मीडिया आज आम आदमी की आवाज नहीं बन पा रहा है। उन्होंने कहा कि मीडिया कर्मियों को बिना डर के सत्य पर आधारित तथ्यों पर समाचार लिखने व दिखाने का साहस करना चाहिए। सही जानकारी प्राप्त करने के लिए समाज के सभी वर्गों के साथ निरंतर सम्पर्क बनाए रखना चाहिए। यह प्रेस का कर्तव्य है कि वह अपनी विश्वसनीयता को बनाए रखे और उन लोगों की आवाज बने जिनकी बात को कहीं सुना नहीं जा रहा। उन्होंने कहा कि मीडिया का भय और अधिक होना चाहिए ताकि भ्रष्टाचार में संलिप्त सम्पन्न और प्रभावशाली लोगों पर नियंत्रण पाया जा सके।  

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आउटलुक पत्रिका के सहायक सम्पादक और वरिष्ठ पत्रकार डॉ. अश्वनी शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि पत्रकारिता की विश्वसनीयता हर कीमत पर बनाई रखी जानी चाहिए। पत्रकारों को सामाजिक सरोकार से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर लोगों को जागरूक करने और जनमत तैयार करने के लिए अपने व्यावसायिक कार्य में और दक्षता लाने पर भी ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी में काफी बदलाव आया है, लेकिन इसके साथ- साथ मीडिया की विश्वसनीयता भी कम हुई है। ऐसे में यह अनिवार्य है कि समाचारों और विचारों को मिश्रित कर कोई वर्णात्मक कहानी बनाने के बजाय तथ्यों पर आधारित रिपोर्टिंग की जाए।

उनका कहना था कि मीडिया की विश्वसनीयता घटने से ईमानदार व आम आदमी के मन में डर की एक भावना उत्पन्न हुई है, जबकि दूसरी ओर प्रभावशाली और गैर कानूनी कार्यों में संलिप्त व्यक्तियों में भय का माहौल नहीं है, क्योंकि वे अक्सर विभिन्न माध्यमों से मीडिया को नियंत्रित करते हैं। उन्होंने इस बात पर भी चिंता जाहिर की कि आजकल खोजी पत्रकारिता का चलन लगभग समाप्त हो गया है। ऐसे में यह आवश्यक है कि मीडिया पारदर्शिता के साथ कार्य करते हुए निर्भय होकर रिपोर्टिंग करें। उन्होंने कहा कि हमें एक स्वतंत्र और भयमुक्त मीडिया की आवश्यकता है, जो समाज की सही तस्वीर सामने रख सके।

हिमफेड के अध्यक्ष और वरिष्ठ पत्रकार गणेश दत्त ने कहा कि मीडिया विश्वसनीयता के संकट से जूझ रहा है और राष्ट्रीय प्रेस दिवस पत्रकारों के आत्म अवलोकन करने के लिए विशेष अवसर है। वे सरकार की कमियों को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, परन्तु उनका अवलोकन निर्णायक नहीं हो सकता। किसी भी मीडियाकर्मी को किसी भी प्रकार का भय नहीं होना चाहिए बल्कि उन्हें नैतिकता, जिम्मेदारी और ईमानदारी से समाज का मार्गदर्शन करने के लिए कार्य करना चाहिए।

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सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के निदेशक हरबंस सिंह ब्रसकोन ने अपने स्वागत भाषण में राष्ट्रीय दिवस के विशेष अवसर पर मीडिया कर्मियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस दिवस के आयोजन का प्रमुख उद्देश्य भारतीय प्रेस परिषद द्वारा परिकल्पित पत्रकारिता के स्वतंत्र एवं पारदर्शी उच्च मूल्यों को आगे ले जाना है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में मीडिया सरकार की नीतियों, कार्यक्रमों और योजनाओं को अंतिम पंक्ति में बैठे व्यक्ति तक पहुंचाने में सराहनीय योगदान दे रहा है। इसके अलावा मीडिया आम आदमी की समस्याओं को भी उजागर कर रहा है, जिसके कारण सरकार को लोगों की समस्याओं के समाधान और उनकी अपेक्षाओं के अनुरूप कार्य करने में सहायता मिलती है।

इस अवसर पर विचार-विमर्श सत्र का आयोजन भी किया गया, जिसमें पत्रकारों ने वर्तमान समय में मीडिया के समक्ष चुनौतियों और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की तथा सुझाव दिए कि समाज की बेहतरी के लिए मीडिया किस प्रकार अपना योगदान बढ़ा सकता है।

सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग की अतिरिक्त निदेशक आरती गुप्ता, संयुक्त निदेशक प्रदीप कंवर व महेश पठानिया और अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा पत्रकार इस अवसर पर उपस्थित थे।

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एचएनपी सर्विस

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