नई दिल्ली। आय से अधिक संपत्ति के बहुचर्चित मामले में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह सहित सभी 9 अभियुक्तों को सीबीआई की विशेष अदालत पटियाला हाउस में जमानत मिल गई। सोमवार को सीबीआई के पुरजोर विरोध के बावजूद अदालत ने सभी अभियुक्तों को एक- एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने गत 29 मई को विशेष अदालत में यह तर्क देते हुए जमानत याचिका दायर की थी कि सीबीआई उनके खिलाफ कोई भी ठोस तथ्य पेश नहीं कर पाई है और उनका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं चल रहा है। इस पर अदालत ने सीबीआई से ही प्रश्न किया था कि क्यों ना वीरभद्र सिंह और अन्य अभियुक्तों को जमानत दे दी जाए? सोमवार को सीबीआई ने वीरभद्र सिंह की जमानत याचिका का पुरजोर विरोध किया और तर्क दिया कि वीरभद्र सिंह को जमानत मिली तो वे आय से अधिक संपत्ति मामले की चल रही जांच और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। फिर कोई भी व्यक्ति उनके खिलाफ गवाही देने के लिये अदालत में आने की हिम्मत नहीं करेगा। लेकिन अदालत ने तथ्यों के अभाव में उसके सभी तर्कों को नकार दिया और अभियुक्तों को जमानत दे दी।
वीरभद्र सिंह पत्नी प्रतिभा सिंह के साथ सोमवार सुबह पटियाला हाउस कोर्ट में पेश होने पहुंचे।कोर्ट परिसर में वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सहित मंत्रियों-विधायकों की भीड़ मौजूद थी, जिनमें मुकेश अग्निहोत्री, सुधीर शर्मा, सुजान सिंह पठानिया, ठाकुर सिंह भरमौरी, प्रकाश चौधरी और डिप्टी स्पीकर जगत सिंह नेगी आदि शामिल थे। मुख्यमंत्री के पुत्र विक्रमादित्य सिंह भी उनके साथ रहे।
उल्लेखनीय है कि वीरभद्र सिंह के खिलाफ आय से अधिक करीब 6 करोड़ रुपये की संपत्ति का यह मामला उस समय का है जब वे केंद्रीय इस्पात मंत्री थे। सीबीआई ने पूर्व में सबूतों के अभाव में यह केस दफ्तर दाखिल (बंद) भी कर दिया था, लेकिन केंद्र में सरकार बदलने पर इसे फिर से खोल दिया गया। सीबीआई और प्रवर्तन विभाग ने इस मामले में नए तथ्य जुटाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था। वीरभद्र सिंह और उनके संबंधियों के हिमाचल प्रदेश और बाहर सभी ठिकानों पर छापामारी की गई, लेकिन उनके खिलाफ कोई भी ठोस तथ्य नहीं जुटा पाए।