शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा बस किराये में की गई 25 प्रतिशत वृद्धि का शिमला नागरिक सभा ने कड़ा विरोध किया है और चेतावनी दी है कि इस वृद्धि को तुरंत वापस नहीं लिया गया तो नागरिक सभा को मजबूरन विरोध में सड़कों पर उतरना पड़ेगा। सभा ने सरकार के इस फैसले को तानाशाही पूर्ण करार दिया है।
नागरिक सभा के अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा एवं सचिव कपिल शर्मा ने कहा है कि वर्तमान प्रदेश सरकार पूरी तरह आम जनता विरोधी है। एक ओर कोरोना के कारण जनता के सारे काम धंधे बंद पड़े हैं, रोजगार ठप्प हैं। ऊपर से सरकार ने बसों के किराये में एक साथ 25 प्रतिशत की वृद्धि कर अपना अमानवीय चेहरा सामने ला दिया।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में देश के सभी राज्यों की तुलना में पहले ही सबसे ज़्यादा किराया है। उसके बावजूद और पच्चीस प्रतिशत किराया बढ़ा दिया गया है। सरकार की इस मनमानी को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि जनता पहले ही पानी, बिजली, कूड़े के बिलों, प्रोपर्टी टेक्स और बच्चों की फीसों के आर्थिक बोझ से दबी हुई है। सरकार को चाहिए था कि ऐसी स्थिति में वह जनता को कोई राहत पैकेज घोषित करती, लेकिन यह तो एक तरह से जनता को लूटने पर ही आमादा है।
उन्होंने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार पेट्रोल व डीज़ल की कीमतों को मनमाने तरीके से बढ़ा रही हैं, जबकि दुनिया में कच्चे तेल की कीमतें बहुत कम हैं। केंद्र सरकार द्वारा थोपी गयी एक्साइज ड्यूटी और प्रदेश सरकार द्वारा वसूले जा रहे वैट से जनता पर बेवजह लगभग पचास रुपये का प्रति लीटर का आर्थिक बोझ डाला जा रहा है।