भारत-तिब्बत सीमा से सटी पंचायत नमज्ञा अंतत: मंगलवार को मोबाइल फोन की सुविधा से जुड़ गई। शिपकिला मार्ग पर बसे नमज्ञा गांव के लोगों को सुरक्षा की दृष्टि से मोबाईल फोन की सुविधा नहीं दी जा रही थी। स्थानीय लोगों ने इसके लिए लंबे समय तक संघर्ष किया। उनका तर्क था कि लैंड लाइन और डब्ल्यूएलएल फोन इन कठिन क्षेत्रों में कारगर साबित नहीं हो पा रहे हैं। अधिकांशत: लाइनें बाधित ही रहती हैं।
सुरक्षा एजेंसियों को आपत्ति यह थी कि नमज्ञा में टावर लगते ही साथ लगते तिब्बत के भी कुछ गांव इसकी रेंज में आ जाएंगे और सिगनल लीक होने से देश की रक्षा को खतरा बढ़ेगा। सीमा क्षेत्र में संचार सुविधा के लिए गृह मंत्रालय से स्वीकृति लेने की बातें भी होती रहीं। भारत संचार निगम लिमिटेड ने लोगों की प्रबल मांग पर अंतत: नमज्ञा गांव में टावर स्थापित कर उन्हें मोबाईल क्नेक्टिविटी से जोड़ दिया। इससे तिब्बत के साथ सटे किन्नौर के तीन गांव टाशीगंग, नमज्ञा और खाब मोबाईल फोन की सुविधा से लैस हो गए हैं। लोगों में बहुत खुशी है। नमज्ञा पंचायत के प्रधान नरबू छौरिया और उप प्रधान इन्द्र सिंह ने बताया कि तिब्बत सीमा के साथ सटे इस इलाके में लोग संचार सुविधा के अभाव में बहुत परेशान थे। सर्दियों में बर्फबारी के दौरान लोग महीनों तक देश के शेष भाग से कट जाते थे। अब यह सुविधा आरंभ हो जाने से लोगों ने राहत की सांस ली है।
बीएसएनएल के अधिकारियों ने बताया कि इस मोबाईल टावर की फ्रीक्वेंसी को इस तरह सेट किया गया है कि सिगनल चीन की ओर न जाए। इससे नमज्ञा के सामने बसे ऐतिहासिक एवं धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण गांव टाशीगंग और खाब के लोगों को भी लाभ होगा।