बिलासपुर। निकटवर्ती ग्राम पंचायत समोह के तहत गांव नेरस में हुए भीषण अग्निकांड के पीड़ितों ने प्रशासन की राहत
ग्रामीणों ने मीडिया को बताया कि फायर बिग्रेड की गाड़ी भी सूचना देने के तीन घटे बाद मौके पर उस समय पहुंची जब तक सब कुछ राख हो चुका था। कुछ लोगों ने यह भी बताया कि वन विभाग ने समोह में फायर ब्रिगेड की गाड़ी को करीब एक घंटे तक रोके रखा अन्यथा कुछ घरों व गौशालाओं को बचाया जा सकता था।
उधर, जिला प्रशासन ने पीड़ितों को 500-500 रुपये फौरी राहत देकर अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीणों ने यह राहत लेने से इंकार कर दिया। लोगों का कहना है कि लाखों के नुकसान पर उन्हें मात्र पांच सौ रुपये मुआवजा दिया जा रहा है, जो उनके साथ एक क्रूर मजाक है। इस अग्निकांड में सात गौशालाएं और पांच छोटे- बड़े मकान जलकर राख हुए हैं।
जिला परिषद के उपाध्यक्ष अनूप महाजन ने स्वयं घटनास्थल का जायजा लेने के बाद प्रशासन से अनुरोध किया है कि प्रभावित परिवारों को कम से कम पांच-पांच हजार रुपये और एक-एक तिरपाल दिए जाएं। पीड़ित ग्रामीणों- बिमला देवी, देस राज, कुलदीप, हंसराज, नरैण दास, सदाराम, नीलम, राकेश और निर्मला देवी ने बताया कि किसी व्यक्ति ने अपनी घासनी में आग लगाई थी, जो तूफान के कारण जंगल में और फिर घरों में फैलकर उनका सब कुछ मिटा गई। लेकिन दुख की इस घड़ी में सहायता के लिए न कोई नेता सामने आ रहे हैं और न ही अधिकारीगण।
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