नाहन। सिरमौर जिला में पैरवी नदी के उद्गम ‘बांगा पाणी’ झील (रौ) से पानी ओवर फ्लो होकर जब भयानक शोर करते हुआ नीचे उतरने लगा तो ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। क्षेत्र में प्राचीनकाल से ही चली आ रही एक मान्यता के अनुसार इस तरह ‘रौ उगलने’ का मतलब है कि अब वहां वर्षा का दौर थम जाएगा। इसके लिए ग्रामीणों में कहावत भी प्रचलित है-“रौ उगलिओ तो बोरखा नि औँदे।” यानी जब ‘रौ’ ओवर फ्लो होता है तो उसके बाद वर्षा नहीं होती।
सिरमौर जिला के वरिष्ट पत्रकार एवं लेखक शेरजंग चौहान ने गत सोमवार रात्रि को पैरवी नदी में झील से ओवर फ्लो होकर नीचे उतर रहे पानी का डरावना शोर सुना तो मंगलवार प्रातः उन्होंने अपने फेसबुक वॉल पर टिप्पणी की- “आज फिर एक पहाड़ी धारणा परखी जायेगी।”
उन्होंने आगे लिखा- “यदि आगामी समय में वर्षा पर पूरी तरह से ब्रेक लग जाती है, चाहे एक दिन के लिए ही सही, तो राजगढ़ क्षेत्र में प्रचलित धारणा फिर सच साबित हो जाएगी। आज सुबह 3.45 बजे जब मैं बाहर आया तो पैरवी नदी के उतरने का वह चिरपरिचित शोर सुनाई दिया। इससे लगता है कि शायद वर्षा का दौर अब थम जाएगा। कुछ अंतराल के लिए ही सही आसमान साफ़ हो जाना चाहिए। हालांकि अभी आसमान पूरी तरह बादलों से ढका है।”
शेरजंग चौहान की इस टिप्पणी पर पत्रकार एच. आनंद शर्मा ने आगे जोड़ा, “बहुत सी ग्राम्य धारणाएं पीढ़ियों से चले आ रहे बुजुर्गों के गूढ़ अनुभव का नतीजा हैं और वे वैज्ञानिक दृष्टिकोण में भी खरी उतरती हैं। लगभग हर गांव में ही आपको मौसम विज्ञानी मिल जाएंगे, जो हवा के रुख और बादलों की चाल को देख ही कर बता देते हैं कि वर्षा होगी या नहीं। अकसर आकाश में बादल गड़गड़ा रहे होते हैं और गांव का कोई बुजुर्ग कह देता है, “नहीं, वर्षा नहीं होगी।” और कुछ देर के बाद ही बादल बिना बरसे छंट जाते हैं। हो सकता है आपके क्षेत्र की पहाड़ी धारणा में भी दम हो।”
कुछ ही समय बाद शेरजंग चौहान ने लिखा- “जी हां। बादल छंट चुके हैं। आसमान बिलकुल साफ़ भी हो सकता है शाम तक। फ़िलहाल बारिश की कोई सम्भावना नहीं।” आगे शायद क्षेत्रीय वासी राजेश राजटा ने टिप्पणी की- “बारिश नहीं होगी, क्योंकि हमारी बोली के अनुसार ‘रौ उगलिओ तो बोरखा नि औंदे’ बिल्कुल प्रमाणित और परखी धारणा है।”
शाम के समय शेरजंग चौहान ने लिखा- “जी हाँ ! आज भी खरी उतर गई ‘रौ’ की भविष्यवाणी, जबकि सुबह पौने चार बजे घनघोर बादल थे। उस पोस्ट को लिखे भी 9 घण्टे बीत गए हैं और अभी भी क्षेत्र में वर्षा की दूर-दूर तक कोई सम्भावना नहीं है।”