कंधारी सीडलेस का छह साल का पेड़ 40 किलोग्राम तक फल दे सकता है। इसका फल चिकनी और चमकदार छाल के साथ बहुत ही आकर्षक गहरे लाल रंग का है। इसे प्रसंस्करण के लिए भी प्रयोग में लाया जा सकता है। फल का वजन 225 से 250 ग्राम के बीच रहता है।
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कुल्लू। देश-विदेश में अपनी मिठास बिखेरने वाले हिमाचली अनार कंधारी की चमक और मिठास बढ़ने वाली है। कुल्लू जिला के क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र बजौरा के दो वैज्ञानिकों- डा. जयंत कुमार और डा. किशोर खोसला ने 16 साल के कठिन परिश्रम के बाद बागबानों के लिए नई किस्म इजाद की है, जिसके बारे में दावा किया जा रहा है कि यह सबसे स्वादिष्ट किस्मों को भी मात दे सकती है। कंधारी, भगवा और काबुली किस्मों से तैयार की गई इस नई संकरित किस्म का नाम कंधारी सीडलेस रखा गया है। नई किस्म अगले साल से बागबानों को उपलब्ध करवाई जाएगी।
क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र्र के सहनिदेशक डा. जयंत कुमार ने मीडिया को बताया कि वर्ष 2000 के दौरान बजौरा ने अनार की उन्नत किस्म तैयार करने के लिए कार्यक्रम आरंभ किया गया था। इसमें कंधारी और काबुली जैसी किस्मों की गुणवत्ता, रंग और आकार वाली किस्मों को मिलाकर नई किस्म तैयार करने का निर्णय हुआ। उन्होंने बताया कि इसके लिए अनार के छह हजार संकर को लिया गया और तीन गुणा दो की दूरी पर लगाया गया। इनमें से कंधारी, काबुली और एक्स भगवा संकरों से तैयार उत्पाद को सबसे उपयुक्त पाया गया है। इस किस्म के फल में फटने की समस्या भी कम है और लंबी दूरी तक इसे भेजा जा सकता है।
डा. जयंत कुमार ने बताया कि प्रदेश के मध्यम उंचाई वाले इलाकों में अनार की बागवानी पिछले कुछ वर्षों में बड़े पैमाने पर होने लगी है। ऐसे में ये किस्म बागबानों के लिए काफी उपयोगी साबित होगी। नई किस्म को सफलतापूर्वक ईजाद करने पर वैज्ञानिकों और बागबानी विशेषज्ञों के साथ प्रगतिशील बागबानों ने भी खुशी जताई है और इनकी मेहनत को काबिलेतारीफ बताया है। कुल्लू के किसान-बागबान संगठन के प्रधान करतार गुलेरिया का कहना है कि इससे बागबानों की आर्थिकी मजबूत होगी और लोगों को भी रसदार और बेहतर फल चखने को मिलेगा। बजौरा के वैज्ञानिक इससे पहले कंधारी जैसी किस्म भी बागबानों को दे चुके हैं, जो हिमाचल प्रदेश के साथ इटली के बागबानों को भी बहुत रास आई है।
कंधारी सीडलेस का छह साल का पेड़ 40 किलोग्राम तक फल दे सकता है। इसका फल चिकनी और चमकदार छाल के साथ बहुत ही आकर्षक गहरे लाल रंग का है। इसे प्रसंस्करण के लिए भी प्रयोग में लाया जा सकता है। फल का वजन 225 से 250 ग्राम के बीच रहता है। (साभार कुल्लू न्यूज़)