उत्तरकाशी। टमाटर के दामों में भारी उछाल के इस दौर में विभिन्न मंडियों की नजरें रवाईं घाटी की ओर लगी हैं, जो हमेशा की तरह इस बार भी टमाटर की अच्छी फसल से लाल होने वाली हैं। मुश्किल से एक सप्ताह और लगेगा, जब रवाईं घाटी से प्रतिदिन 200 टन टमाटर की सप्लाई शुरू हो जाएगी।
उत्तरकाशी जनपद की रवाईं घाटी टमाटर की खेती के लिए दूर –दूर तक प्रसिद्ध है। विभागीय सूत्रों के अनुसार वहां एक सीजन में 20 से 25 हजार टन टमाटर का उत्पादन होता है। इसमें 60 प्रतिशत टमाटर विकास नगर, सहारनपुर, देहरादून और ऋषिकेश की मंडियों में जाता है, जबकि 40 प्रतिशत मदर डेरी, दिल्ली और मेरठ की मंडियों में बिकता है।
घाटी में इस बार भी टमाटर की फसल अच्छी है। पिछले कुछ दिनों से थोड़ी मात्र में टमाटर आना भी शुरू हो गया है, लेकिन किसान इसे अभी स्थानीय मंडियों में ही 20- 30 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेच रहे हैं। आगे उपभोक्ताओं को यह 40 रुपये तक में मिल रहा है। एक सप्ताह के बाद सीजन यौवन पर पहुंच जाने की उम्मीद है।
रवाईं घाटी फल एवं सब्जी उत्पादक संघ के प्रधान जगमोहन चंद और सचिव सुरेश रमोला ने बताया कि देहरादून, विकासनगर और सराहनपुर आदि मंडियों से हर रोज ही व्यापारियों के फोन रहे हैं। उन्हें कुछ दिन और इंतजार करने के लिए कहा गया है। उन्होंने बताया कि 24 जून को मदर डेरी के साथ भी अनुबंध होना है। उसके बाद उसे भी टमाटर सप्लाई किया जाएगा।
संघ के अध्यक्ष जगमोहन चंद बताते हैं कि सीजन उफान पर आते ही यहां से प्रतिदिन 200 टन टमाटर की आपूर्ति शुरू हो जाएगी। बाजार की स्थिति को देखकर लगता है कि इस बार किसानों को अच्छी आय होगी। उन्होंने बताया कि बीते वर्ष किसानों को 2- 3 रूपये प्रतिकिलो की दर से टमाटर बेचना पड़ा था, जिस कारण उन्हें काफी नुकसान हुआ था।
जिला उद्यान अधिकारी नरेंद्र कुमार यादव ने भी स्वीकार किया कि रवाईं घाटी में इस बार टमाटर की अच्छी फसल है। घाटी में करीब 500 काश्तकार एक हजार नाली भूमि में टमाटर की खेती कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि रवाईं घाटी के अतिरिक्त गंगा घाटी में भी इस बार 200 के करीब किसान टमाटर की खेती कर रहे हैं। वहां से भी काफी टमाटर बाजार में आएगा। उन्होंने बताया कि रवाईं घाटी में एक सीजन में 20 से 25 हजार टन टमाटर का उत्पादन होता है।