हरिद्वार (रुड़की)। सरकार व प्रशासन की लगातार उपेक्षा झेल रहे प्रदेश के किसानों ने अब आर-पार की लड़ाई
राज्य के किसान गन्ने के बकाया भुगतान के लिए पिछले एक वर्ष से दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। चीनी मिलें किसानों का करोड़ों रुपये का भुगतान दबाए बैठी हैं, लेकिन सरकार व प्रशासन चुप्पी साधे हुए हैं। इन दिनों गांवों में राजस्व विभाग ने चकबंदी प्रक्रिया शुरू कर रखी है, उसमें भी आरोप है कि किसानों को तरह-तरह से परेशान किया जा रहा है।
किसान एसोसिएशन की गत दिवस रुड़की में एक आवश्यक बैठक हुई, जिसमें एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भुल्लन सिंह ने कहा कि किसान अपनी मांगों को लेकर लगातार संघर्ष करते आ रहे हैं। धरना प्रदर्शनों का दौर चल रहा है, लेकिन सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही। उन्होंने कहा कि चकबंदी प्रक्रिया में किसान उलझे रहते हैं और चकबंदी कर्मचारी अपनी मनमानी करते रहते हैं। प्रशासन न तो चकबंदी प्रक्रिया सही ढंग से कर रहा है और न ही राशन कार्ड बनाने का कार्य। उन्होंने कहा कि किसान गन्ने के बकाये के लिए दर-दर भटक रहे हैं, लेकिन प्रशासन उसकी लगातार अनदेखी कर रहा है। एसोसिएशन ने इसके लिए जिला मजिस्ट्रेट को भी शिकायती पत्र भेजा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में किसानों को आर-पार की लड़ाई लड़ना जरूरी हो गया है।
सेवानिवृत्त एडिओ श्यामलाल सैनी की अध्यक्षता में हुई बैठक में एसोसिएशन के पदाधिकारियों व किसानों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। बैठक में एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष कर्मवीर सैनी, अशोक कुमार, नकलीराम, राजकुमार, विपिन कुमार, अंकित कुमार, आदि सैकड़ों किसान मौजूद थे।
उधर, हरिद्वार के सहायक गन्ना आयुक्त एके जौहरी से इस संबंध में बात की गई तो उनका कहना था कि गन्ने का भुगतान कराने के प्रयास जारी हैं। शीघ्र ही किसानों को जरूर थोड़ा बहुत भुगतान करा दिया जाएगा। इस संबंध में जिलाधिकारी स्तर से लगातार सख्ती बरती जा रही है।